देश की खबरें | बजरंग और विनेश के ट्रायल्स से छूट लेने से विरोध प्रदर्शन की छवि प्रभावित हुई : साक्षी मलिक
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पूर्व पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि पिछले साल विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट लेने के फैसले से बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ उनके विरोध प्रदर्शन की छवि प्रभावित हुई क्योंकि इससे यह अभियान स्वार्थी दिखने लगा।
नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पूर्व पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि पिछले साल विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट लेने के फैसले से बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ उनके विरोध प्रदर्शन की छवि प्रभावित हुई क्योंकि इससे यह अभियान स्वार्थी दिखने लगा।
साक्षी इस विरोध प्रदर्शन के तीन मुख्य पहलवानों में से एक थीं, उन्होंने हाल में रिलीज हुई अपनी किताब ‘विटनेस’ में इसके अलावा अपने करियर के संघर्षों के बारे में भी लिखा है। उन्होंने लिखा कि जब बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू किया तो उनके विरोध प्रदर्शन में दरार आने लगी।
इन तीनों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख शरण सिंह पर अपने कार्यकाल के दौरान महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगया था और मामला दिल्ली की अदालत में चल रहा है।
डब्ल्यूएफआई के निलंबन के बाद तदर्थ समिति ने कुश्ती का कामकाज देखना शुरू किया जिसने बजरंग और विनेश को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट दी लेकिन साक्षी ने अपने साथियों के सुझाव के बावजूद ऐसा नहीं करने का फैसला किया।
अंत में साक्षी हिस्सा नहीं ले सकीं लेकिन विनेश खेलों से पहले चोटिल हो गईं और बजरंग पदक जीतने में असफल रहे।
साक्षी की आत्मकथा के जोनाथन सेल्वाराज सह लेखक हैं। इसमें साक्षी ने हालांकि उन लोगों के नाम का खुलासा नहीं किया जिन्होंने बजरंग और विनेश को प्रभावित किया। साक्षी ने लिखा, ‘‘पहले की तरह स्वार्थी सोच फिर से हावी होने लगी। बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू कर दिया। वे खेलों के लिए ट्रायल्स से छूट लेने की बात करने लगे। ’’
उन्होंने लिखा, ‘‘बजरंग और विनेश के ट्रायल्स से छूट लेने का अच्छा असर नहीं पड़ा। इससे हमारे विरोध प्रदर्शन की छवि बुरी तरह प्रभावित हुई। इससे हम ऐसी स्थिति में पहुंच गये जिसमें कई समर्थकों ने यह सोचना शुरू कर दिया कि हम अपने स्वार्थ के लिए यह विरोध कर रहे हैं। ’’
विनेश और बजरंग दोनों इस महीने के शुरू में हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी से जुड़ गये। विनेश जुलाना विधानसभा से जीत गईं जबकि बजरंग पार्टी की राष्ट्रीय किसान इकाई के प्रमुख बने।
साक्षी ने किताब में बताया कि बचपन में ट्यूशन देने वाले शिक्षक से छेड़छाड़ के बारे में वह अपने परिवार को नहीं बता सकीं थीं क्योंकि उन्हें लगता था कि यह उनकी गलती थी।
उन्होंने लिखा, ‘‘मैं इसके बारे में अपने परिवार को नहीं बता सकी क्योंकि मुझे लगा कि यह मेरी गलती थी। मेरे स्कूल के दिनों में ट्यूशन देने वाला शिक्षक मुझे प्रताड़ित करता। वह मुझे क्लास लेने के लिए बेवक्त अपने घर बुलाता और कभी कभार मुझे छूने की कोशिश करता। मैं ट्यूशन क्लास के लिए जाने के लिए डरी रहती लेकिन मैं अपनी मां को नहीं बता सकी। ’’
किताब में साक्षी ने अपने करियर के शुरूआती संघर्षों के अलावा पूर्व पहलवान बबीता फोगाट पर अपने स्वार्थ के लिए विरोध प्रदर्शन का फायदा उठाने का आरोप भी लगाया।
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