कोरोना वायरस से निपटने वाली तकनीको में आयुर्वेदिक औषधि ‘फीफाट्रोल’ का उल्लेख
सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम ने ‘कोविड-19 से लड़ने (पता लगाने, जांच करने और उपचार करने) के लिए भारतीय तकनीकों का सार-संग्रह’ तैयार किया है जिसमें घातक वायरस संक्रमण से मुकाबले के लिए 200 देसी तकनीकों के स्तर तथा सरकार द्वारा किये जा रहे अनुसंधान कार्यों और प्रयासों की जानकारी है।
नयी दिल्ली, 11 मई कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हाल ही में जारी तत्वों की सूची में विशेषज्ञों ने जिन करीब 200 तकनीकों और अनुसंधान गतिविधियों का मूल्यांकन किया है उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधि फीफाट्रोल का भी उल्लेख है।
सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम ने ‘कोविड-19 से लड़ने (पता लगाने, जांच करने और उपचार करने) के लिए भारतीय तकनीकों का सार-संग्रह’ तैयार किया है जिसमें घातक वायरस संक्रमण से मुकाबले के लिए 200 देसी तकनीकों के स्तर तथा सरकार द्वारा किये जा रहे अनुसंधान कार्यों और प्रयासों की जानकारी है।
इसके मुताबिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सुझाया है कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से संक्रमण के असर को कम करके रोग से उबरने में मदद मिल सकती है।
इस दस्तावेज के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में आयुर्वेद के लाभों को रेखांकित किया था और लोगों से तंदुरुस्त रहने के लिए आयुष मंत्रालय के प्रोटोकॉल देखने को कहा था।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘फीफाट्रोल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है जो आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और प्राचीन औषधियों का मिश्रण है। अनुसंधानकर्ताओं ने सुझाया है कि फीफाट्रोल प्राकृतिक एंटी-बायोटिक के रूप में काम करता है और संक्रमण, फ्लू तथा दर्द से लड़ता है।’’
इस सार-संग्रह में उक्त औषधि की कुछ विशेषताओं का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि यह नाक बंद होने, गला खराब होने, शरीर तथा सिर में दर्द होने जैसी समस्याओं से तेजी से निजात दिलाने वाली प्राकृतिक दवाओं का मिश्रण है।’’
एआईएमआईएल फार्मा द्वारा तैयार फीफाट्रोल में गुदुची, संजीवनी घनवटी, दारुहरिद्र, अपामार्ग, चिरायता, करंज, कुटकी, तुलसी, गोदांती (भस्म), मृत्युंजय रस, त्रिभुवन कृति रस और संजीवनी वटी जैसी प्राकृतिक जड़ी-बूटियां होती हैं।
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