देश की खबरें | रेलवे टिकट प्रणाली को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों को रोका जाना चाहिए: न्यायालय

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय रेलवे देश के बुनियादी ढांचे का मुख्य आधार है और इसकी टिकट प्रणाली की शुचिता एवं स्थिरता को बाधित करने के हर प्रयास को रोका जाना चाहिए।

नयी दिल्ली, नौ जनवरी उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय रेलवे देश के बुनियादी ढांचे का मुख्य आधार है और इसकी टिकट प्रणाली की शुचिता एवं स्थिरता को बाधित करने के हर प्रयास को रोका जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने रेलवे टिकट प्रणाली में धोखाधड़ी के दो आरोपियों की दो अलग-अलग अपील पर सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘भारतीय रेल हमारे देश के बुनियादी ढांचे का अहम आधार है। यह सालाना लगभग 673 करोड़ यात्रियों के आवागमन में मदद करती है और इस देश की अर्थव्यवस्था पर इसका जबरदस्त प्रभाव पड़ता है। टिकट प्रणाली की शुचिता और स्थिरता को बाधित करने के किसी भी प्रयास को तुरंत रोका जाना चाहिए।’’

ये अपील रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 143 की व्याख्या से संबंधित थीं। इस धारा में रेलवे टिकटों की खरीद और आपूर्ति के अनधिकृत कारोबार के लिए जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

पहली अपील में केरल उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें मैथ्यू के. चेरियन नामक व्यक्ति के खिलाफ अधिनियम की धारा 143 के तहत शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया गया था।

चेरियन पर आरोप लगाया गया था कि उसने आईआरसीटीसी पोर्टल पर फर्जी ‘यूजर आईडी’ बनाकर अधिकृत एजेंट न होने के बावजूद लाभ के लिए रेलवे टिकट खरीदे और बेचे।

दूसरी अपील में जे. रमेश ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें अधिनियम की धारा 143 के तहत उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।

रमेश एक अधिकृत एजेंट था। उस पर कई ग्राहकों को कई ‘यूजर आईडी’ के माध्यम से बुक किए गए ई-टिकट की आपूर्ति करने का आरोप लगाया गया था।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मैथ्यू रेलवे का अधिकृत एजेंट नहीं है, इसलिए उसे रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 143 के तहत कार्यवाही का सामना करना चाहिए।

हालांकि, शीर्ष अदालत ने रमेश के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\