विदेश की खबरें | बलूचिस्तान में हमले से द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ा है: पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने ईरानी समकक्ष से कहा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने ईरान के अपने समकक्ष से कहा कि तेहरान की ओर से किए गए हमलों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाई है।
इस्लामाबाद ,18 जनवरी पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने ईरान के अपने समकक्ष से कहा कि तेहरान की ओर से किए गए हमलों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाई है।
ईरान ने मंगलवार रात पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी संगठन जैश-अल-अदल के दो अड्डों पर मिसाइल और ड्रोन दागे थे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री जिलानी फिलहाल युगांडा के कंपाला में गुटनिरपेक्ष आंदोलन की मंत्रिस्तरीय बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
विदेश कार्यालय ने बुधवार रात एक बयान जारी करके कहा कि जिलानी ने बुधवार को ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और कहा कि 16 जनवरी को ईरान की ओर से पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर किया गया हमला न केवल इस्लामाबाद की संप्रभुता का बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून का भी गंभीर उल्लंघन है। साथ ही पाकिस्तान और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंधों के भी प्रतिकूल है।
बयान नें कहा गया, ‘‘ईरान की ओर से किए गए हमलों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाई है....।’’
विदेश मंत्री ने साथ ही कहा कि पाकिस्तान के पास इस उकसावे वाले कृत्य की जवाबी प्रतिक्रिया का अधिकार है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद क्षेत्र के लिए साझा खतरा है और इस खतरे से निपटने के लिए ठोस और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। जिलानी ने कहा कि एकतरफा कार्रवाई क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर कर सकती है।
जिलानी ने अपने ईरानी समकक्ष से कहा, ‘‘क्षेत्र के किसी भी देश को यह खतरनाक रुख नहीं अपनाना चाहिए।’’
ईरानी समाचार एजेंसी ‘तसनीम’ ने बुधवार को कहा था, ‘‘पाकिस्तान में जैश-अल-धुल्म (जैश-अल-अदल) आतंकवादी समूह के दो प्रमुख ठिकानों को विशेष रूप से लक्षित किया गया और सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया गया।''
दरअसल ईरान ने बार-बार कहा है कि आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल उसके सुरक्षाबलों पर हमले करने के लिए पाकिस्तान की भूमि का इस्तेमाल कर रहा है और बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में इसके ठिकाने हैं।
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