जरुरी जानकारी | दिसंबर अंत में राजकोषीय घाटा समूचे वित्त वर्ष का 60 प्रतिशत हुआ

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. राजस्व संग्रह में सुस्त वृद्धि से दिसंबर के अंत में सरकार का राजकोषीय घाटा समूचे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 59.8 प्रतिशत हो गया। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह आंकड़ा जारी किया।

नयी दिल्ली, 31 जनवरी राजस्व संग्रह में सुस्त वृद्धि से दिसंबर के अंत में सरकार का राजकोषीय घाटा समूचे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 59.8 प्रतिशत हो गया। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह आंकड़ा जारी किया।

मंत्रालय के मुताबिक, सरकार के राजस्व एवं व्यय के बीच के अंतर को दर्शाने वाला राजकोषीय घाटा वास्तविक संदर्भ में अप्रैल-दिसंबर, 2022 की अवधि में 9,92,976 करोड़ रुपये रहा। यह वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान का 59.8 प्रतिशत है।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 16.61 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान बजट में जताया था जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत है। इस घाटे की भरपाई बाजार से कर्ज जुटाकर की जाती है।

एक साल पहले की समान अवधि में अप्रैल-दिसंबर के दौरान राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 50.4 प्रतिशत रहा था।

लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के मुताबिक, 15.55 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध कर राजस्व वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान का 80.4 प्रतिशत था। एक साल पहले की समान अवधि में यह तत्कालीन बजट अनुमान का 95.4 प्रतिशत था।

चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में गैर-कर राजस्व 2.14 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान का 79.5 प्रतिशत है। वहीं वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि में यह बजट अनुमान का 106.7 प्रतिशत था।

अप्रैल-दिसंबर के दौरान सरकार का कुल व्यय समूचे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 71.4 प्रतिशत रहा है। यह एक साल पहले की समान अवधि के 72.4 प्रतिशत के बजट अनुमान से कम है।

दिसंबर, 2022 के अंत में पूंजी व्यय 4.89 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान का 65.4 प्रतिशत है। एक साल पहले की समान अवधि में यह बजट अनुमान का 70.7 प्रतिशत था।

सीजीए आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार की कुल प्राप्तियां 18.25 लाख करोड़ रुपये रहीं जो वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान का 79.9 प्रतिशत हैं। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह बजट अनुमान का 89.1 प्रतिशत थी।

प्रेम

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