गुवाहाटी, 5 फरवरी : आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने शनिवार को आरोप लगाया कि असम सरकार आवश्यक नियम बनाए बिना ही बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए) के प्रावधानों के तहत बाल विवाह पर कार्रवाई कर रही है.कांग्रेस ने भी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर उन एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर सवाल उठाया, जिन पर बाल अधिकारों की रक्षा का जिम्मा है.
पुलिस ने शुक्रवार से बाल विवाह पर कार्रवाई करते हुए ऐसे मामलों के खिलाफ दर्ज 4,074 प्राथमिकी के आधार पर अब तक 2,258 लोगों को गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि यह अभियान 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा. एआईयूडीएफ के महासचिव अमीनुल इस्लाम ने दावा किया कि पीसीएमए को लागू करने के नियम राज्य सरकार द्वारा नहीं बनाए गए हैं. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत रविदास की जयंती पर उन्हें नमन किया, देखें ट्वीट
उन्होंने प्रश्न किया, “2006 का पीसीएमए 2007 से प्रभाव में आया. चूंकि यह एक केंद्रीय अधिनियम है, इसलिए राज्यों को नियम बनाने होंगे. 2007 से 2014 तक, राज्य कांग्रेस शासन के अधीन था और उसके बाद से भाजपा के अधीन. सरकार ने नियम क्यों नहीं बनाए?