देश की खबरें | असम : कांग्रेस ने राज्यपाल से पुनर्वास पैकेज की घोषणा किये जाने तक अभियान रोकने का अनुरोध किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को असम के राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात की और एक उपयुक्त पुनर्वास पैकेज की घोषणा किये जाने तक दरांग के सिपाझार में अतिक्रमण हटाने का अभियान रोकने का उनसे अनुरोध किया।

गुवाहाटी, 24 सितंबर कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को असम के राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात की और एक उपयुक्त पुनर्वास पैकेज की घोषणा किये जाने तक दरांग के सिपाझार में अतिक्रमण हटाने का अभियान रोकने का उनसे अनुरोध किया।

पार्टी ने एक ज्ञापन सौंपते हुए घटना की एक मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने के अलावा उपायुक्त प्रभाती थाउसेन और पुलिस अधीक्षक सुशांत बिस्व सरमा को निलंबित करने की भी मांग की। सुशांत, राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के छोटे भाई हैं।

राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को हुई घटना की गुवाहाटी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने का आदेश दिया है, हालांकि न्यायाधीश के नाम की घोषणा की जानी अभी बाकी है।

कांग्रेस ने कहा कि हितधारकों के साथ एक सर्वदलीय बैठक फौरन बुलाई जानी चाहिए, ताकि गोरोईखुटी, ढोलपुर और अन्य गांवों से हटाये गये लोगों के लिए पुनर्वास एवं मुआवजा कार्यक्रम की योजना बनाई जा सके।

पार्टी ने आरोप लगाया, ‘‘सभी नागरिकों की सेवा व रक्षा करने की शपथ लेने वाले और एक संवैधानिक पद पर आसीन मुख्यमंत्री ने निरंतर उकसाऊ बयान देकर पूर्वाग्रह के साथ काम किया है।’’

कांग्रेस ने कहा कि पुलिस को गोली चलाने के लिए पूरा अधिकार देने संबंधी सरमा के बयान ने असम को पुलिस राज्य में तब्दील करने के अलावा पुलिस कर्मियों को हत्या करने का लाइसेंस दे दिया।

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख भूपेन बोरा कर रहे थे।

बोरा ने कहा, ‘‘कांग्रेस अतिक्रमण हटाने के राज्य सरकार के अभियान के दौरान पुलिस गोलीबारी के सर्वाधिक बर्बर कृत्य और प्रदर्शनकारियों पर की गई अमानवीय कार्रवाई की कड़ी निंदा करती है...पुलिस कर्मियों द्वारा जिस तरह से एक प्रदर्शनकारी को बेरहमी से पीट कर मार डाला गया और इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में मृतक (प्रदर्शनकारी) के साथ कैमरामैन द्वारा किया गया हिंसक व्यवहार वीभत्स है।’’

कांग्रेस ने कहा कि एक अकेले प्रदर्शनकारी को वहां मौजूद 40 से अधिक पुलिस कर्मी आसानी से काबू कर सकते थे, लेकिन बेघर हो रहे एक प्रदर्शनकारी को गोली मारना बहुत ही अमानवीय है। पार्टी ने कहा कि पुलिस को उसे करीब से गोली मार कर उसकी हत्या करने के बजाय उसे शांत करने की कोशिश करनी चाहिए थी।

पार्टी ने मृतकों के परिजनों और घायलों को पर्याप्त मुआवजा देने के साथ-साथ बर्बर कृत्य में शामिल कैमरामैन और पुलिस कर्मियों को अनुकरणीय सजा देने की भी मांग की।

दिन में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय मंगलदोई में उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।

जिला प्रशासन ने सोमवार से सिपाझार में 602.4 हेक्टयर भूमि खाली कराई है और 800 परिवारों को हटाया है तथा चार अवैध निर्मित धार्मिक ढांचों को ध्वस्त किया है।

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