देश की खबरें | वक्फ संबंधी समिति की बैठक में नोकझोंक, अल्पसंख्यक मंत्रालय ने दी प्रस्तुति
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नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर सोमवार को संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में सांसदों के सवालों के जवाब दिए और विस्तृत प्रस्तुति दी, जिस दौरान कुछ विपक्षी सदस्यों ने तर्क दिया नए कानून को लेकर मंत्रालय से वर्षों से कभी भी परामर्श नहीं किया गया।
वर्ष 1976 में संविधान में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को शामिल करने को चुनौती के लिए उच्चतम न्यायालय में दायर याचिकाओं का असर भी बैठक पर पड़ा क्योंकि विपक्षी सांसदों द्वारा कुछ वकीलों से बयान लेने के समिति के फैसले पर सवाल उठाने के बाद नोकझोंक भी हुई।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सांसद ने कहा कि किसी भी प्रस्तावित कानून में सभी भारतीय हितधारक जुड़े हैं और समिति अपने विवेक से किसी को भी मूल्यवान सुझाव देने के लिए बुला सकती है जिसे वह उचित समझे।
उन्होंने दावा किया कि वक्फ कानून ने बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय से इतर लोगों को को प्रभावित किया है।
याचिका दायर करने वालों में भाजपा सदस्य अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय और विष्णु शंकर जैन शामिल हैं। वे पिछले सप्ताह भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति के सामने पेश हुए थे।
मंत्रालय की प्रस्तुति के दौरान, कुछ सांसदों ने दावा किया कि वक्फ अधिनियम में संशोधन के निर्णय के लिए परामर्श के मिनटों में मौजूदा क़ानून को खत्म करने की आवश्यकता का कोई उल्लेख नहीं किया गया था।
कुछ विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि मंत्रालय ने पिछले साल नवंबर में इस मुद्दे पर अपनी आखिरी बैठक में अधिनियम से उत्पन्न होने वाली जटिलताओं से निपटने के लिए प्रशासनिक और तकनीकी उपाय सुझाए थे।
समिति की सदस्य और भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने पुणे स्थित एक गैर सरकारी संगठन ‘अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत’ का एक आवेदन पाल को सौंपा, जिसमें राज्य वक्फ बोर्ड के 19 ऐसे मामलों के बारे में बताया गया है, जो दूसरों की संपत्तियों पर दावे से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी मामलों से यह स्पष्ट है कि वक्फ बोर्ड अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहा है और आम लोगों को, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, परेशान कर रहा है।’’
उन्होंने इस्माइली मुसलमानों के एक प्रतिवेदन भी साझा किया, जिन्होंने विधेयक में उनके समुदाय को आम बोलचाल की में ‘‘आगा खानी’’ के रूप में संबोधित किए जाने पर आपत्ति जताई है।
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