विदेश की खबरें | अमेरिका मोदी की इस टिप्पणी से पूरी तरह सहमत है कि ‘यह युद्ध का समय नहीं है’ : ब्लिंकन
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वाशिंगटन, 27 सितंबर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कही गई इस बात से अमेरिका पूरी तरह सहमत है कि ‘‘यह समय युद्ध का नहीं है।’’
ब्लिंकन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन संकट को कूटनीति के जरिये टालने की पूरी कोशिश की।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, राष्ट्रपति पुतिन ने फिर भी हमला कर दिया और अब न केवल यूक्रेन के लोग, बल्कि पूरी दुनिया इसके परिणाम भुगत रही है।’’
ब्लिंकन ने सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘मैं इस बात पर वास्तव में जोर देना चाहता हूं, जो प्रधानमंत्री मोदी ने कही थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने (मोदी ने) कहा, ‘यह समय युद्ध का नहीं है’। हम इससे पूरी तरह सहमत हैं।’’
मोदी ने इस महीने की शुरुआत में समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान यूक्रेन में संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करने का आह्वान करते हुए ‘‘लोकतंत्र, संवाद और कूटनीति’’ के महत्व को रेखांकित किया था।
मोदी ने पुतिन से बातचीत के दौरान कहा था, ‘‘मैं जानता हूं कि आज का युग युद्ध का नहीं है। हमने फोन पर भी कई बार आपसे इस मामले पर बात की है कि लोकतंत्र, कूटनीति एवं संवाद पूरे विश्व के लिए अहम हैं।’’
ब्लिंकन ने कहा कि इस हमले को रोकने की क्षमता एक व्यक्ति में है और वह पुतिन हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि रूस लड़ना बंद कर देता है, तो युद्ध समाप्त हो जाएगा। यदि यूक्रेन लड़ना बंद कर देगा, तो यूक्रेन समाप्त हो जाएगा।’’
ब्लिंकन ने भारत के साथ संबंधों को लेकर कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी दुनिया की सबसे अधिक महत्वपूर्ण साझेदारियों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के सामने आने वाली हर वैश्विक चुनौती का समाधान करना महत्वपूर्ण है ...।’’
उन्होंने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने तथा साझा हितों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर जयशंकर के साथ चर्चा की।
जयशंकर ने बताया कि बैठक में दोनों देशों ने राजनीतिक समन्वय, बहुपक्षीय प्रारूपों में एक साथ काम करने और यूक्रेन संघर्ष एवं हिंद-प्रशांत में स्थिति समेत महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मामलों एवं वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग संबंधी आकलन साझा करने को लेकर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि अधिक लचीली और मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं को प्रोत्साहित करना भारत और अमेरिका दोनों के लिए हितकारी है और इसके लिए नीतिगत निर्णयों के साथ-साथ व्यावसायिक समुदायों की संलिप्तता वाले व्यावहारिक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने में अमेरिका से भारत को मिले मजबूत सहयोग की भी सराहना की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत का समर्थन करने के संबंध में अमेरिका के सकारात्मक दृष्टिकोण की भी सराहना की।
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