जरुरी जानकारी | सोयाबीन डीगम कीमतों में मजबूती से बीते सप्ताह सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. आयात किये जाने वाले प्रमुख खाद्य तेल सोयाबीन डीगम के दाम में मजबूती के बाद बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में सभी खाद्य तेल-तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए। डीगम तेल में आई इस तेजी के कारण सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम भी मजबूत बंद हुए।
नयी दिल्ली, 26 मई आयात किये जाने वाले प्रमुख खाद्य तेल सोयाबीन डीगम के दाम में मजबूती के बाद बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में सभी खाद्य तेल-तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए। डीगम तेल में आई इस तेजी के कारण सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के दाम भी मजबूत बंद हुए।
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि देश में सॉफ्ट ऑयल के रूप से सबसे अधिक आयात सोयाबीन डीगम का किया जाता है। पिछने सप्ताह इससे पिछले सप्ताहांत के मुकाबले सोयाबीन डीगम तेल का दाम पहले के 990-995 डॉलर प्रति टन से बढ़कर समीक्षाधीन सप्ताह में 1,035-1,040 डॉलर प्रति टन हो गया। इसका असर सभी तेल-तिलहनों पर दिखा और उनके दाम मजबूत हो गये।
सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह सरसों तेल-तिलहन के दाम मजबूती के साथ बंद हुए।
उल्लेखनीय है कि इस बार सस्ते आयातित तेलों के थोक दाम सस्ता बैठने के बीच पहले से ही सरसों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम खरीद दाम लगाया जा रहा है। इस बार सरसों का एमएसपी 5,650 रुपये क्विंटल है लेकिन बाजार में इसका हाजिर दाम 5,400-5,450 रुपये क्विंटल बोला जा रहा है। यही कारण है कि छोटे किसानों के अलावा मजबूत किसान थोड़ी बहुत मात्रा में ही सरसों मंडियों में ला रहे हैं। बड़े किसानों द्वारा अपनी उपज रोक-रोक कर थोड़ी बहुत मात्रा में मंडियों में लाने की वजह से समीक्षाधीन सप्ताहांत में सरसों तेल-तिलहन के भाव मजबूती दर्शाते बंद हुए।
सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह सरसों तेल प्रसंस्करण संघ (मोपा) के एक पदाधिकारी का बयान आया कि मार्च में जब सरसों की लगभग 16 लाख बोरी की आवक हो रही थी और भाव 4,800-5,000 रुपये क्विंटल था, उस वक्त मंदी आने की आस में न पड़कर मिलवालों और स्टॉकिस्टों को सरसों खरीद कर लेनी चाहिये थी। उल्लेखनीय है कि सरसों तेल-तिलहन के दाम आगे मंदा होने के बजाय कम आवक की वजह से और बढ़ गए।
सूत्रों ने कहा कि किसानों को पिछले लगभग दो साल में सोयाबीन के एमएसपी से अधिक बेहतर दाम मिले थे और जब से सस्ते आयातित तेल की भरमार हुई है और थोक दाम टूटे हैं, उससे बाजार की स्थिति बिगड़ चुकी है। देशी सोयाबीन फसल के खपने की नौबत नहीं है और किसान कम दाम पर बिकवाली को राजी नहीं हैं। सोयाबीन, मूंगफली, बिनौला, सूरजमुखी, सरसों आदि तिलहन के दाम कम बोले जा रहे हैं और इस वजह से किसान अपनी उपज भी रोके हुए हैं और थोड़ी बहुत मात्रा में ही बिकवाली कर रहे हैं। इस कम आवक की वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में इन सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार दिखा।
सूत्रों ने कहा कि आयातित तेलों पर बढ़ती निर्भरता से देश में डी-आयल्ड केक (डीओसी), खल की दिक्कत आ सकती है जहां देश में भारी पैमाने पर किसान मुर्गीपालन और मवेशीपालन के लिए डीओसी एवं खल का उपयोग करते हैं। यानी अबतक तो देश खाद्य तेल के लिए ही विदेशी मुद्रा खर्च कर सकता था उसे अब डीओसी और खल के लिए भी विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ सकती है। देश में सोयाबीन डीओसी की सालाना मांग लगभग 55-60 लाख टन की है जबकि बिनौला खल की मांग सालाना 130-140 लाख टन की है। आगे जाकर अगर खल एवं डीओसी की मुश्किल आती है तो क्या आज ऐसे प्रवक्ता या विश्लेषक उसकी जिम्मेदारी लेंगे?
बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 125 रुपये के सुधार के साथ 6,000-6,050 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का भाव 600 रुपये बढ़कर 11,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 80-80 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 1,880-1,980 रुपये और 1,880-1,995 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव भी क्रमश: 10-10 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 4,850-4,870 रुपये प्रति क्विंटल और 4,650-4,770 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
इसी तरह सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल का भाव क्रमश: 175 रुपये, 175 रुपये और 300 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 10,275 रुपये और 10,125 रुपये और 8,750 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन में भी तेजी रही। मूंगफली तिलहन का दाम 100 रुपये की तेजी के साथ 6,200-6,475 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल के भाव भी क्रमश: 200 रुपये और 30 रुपये की तेजी के साथ क्रमश: 14,850 रुपये क्विंटल और 2,245-2,545 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।
समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चा पाम तेल (सीपीओ) 50 रुपये की तेजी के साथ 8,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 50 रुपये की तेजी के साथ 9,850 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 25 रुपये की तेजी के साथ 8,900 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
माल की कमी के बीच तेजी के आम रुख के अनुरूप बिनौला 250 रुपये की तेजी के साथ 10,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
राजेश
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