Delhi Air Pollution: दिल्ली में फिर बढ़ा वायु प्रदूषण, मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां बड़ा कारण
दिल्ली में कम तापमान और धीमी हवाओं के कारण पैदा हुई मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण वायु प्रदूषण का स्तर शुक्रवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया और सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 403 दर्ज किया गया.
नयी दिल्ली, 26 नवंबर : दिल्ली में कम तापमान और धीमी हवाओं के कारण पैदा हुई मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण वायु प्रदूषण का स्तर शुक्रवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया और सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 403 दर्ज किया गया. कम तापमान और सतह के निकट धीमी हवाओं के कारण प्रदूषक जमा हो जाते हैं. शहर में बृहस्पतिवार शाम को पिछले चौबीस घंटों का औसत एक्यूआई सुबह 400 रहा. शहर की वायु गुणवत्ता नवंबर के अधिकतर दिनों में अभी तक बहुत खराब या गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई है. दिल्ली में 24 घंटे का औसत एक्यूआई एक नवंबर को सबसे कम (281) दर्ज किया गया था और इसके बाद यह 23 नवंबर को सबसे कम (290) रहा था. पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (417), गाजियाबाद (373), ग्रेटर नोएडा (378), गुड़गांव (361) और नोएडा (383) में भी शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता में गिरावट देखी गई.
एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.
दिल्ली में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और अधिकतम तापमान के 28 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर’ ने बताया कि सोमवार तक कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. उसने बताया कि स्थानीय उत्सर्जकों और मौसमी परिस्थितियों के वायु गुणवत्ता को नियंत्रित करने वाले प्रमुख कारक बने रहने की संभावना है. यह भी पढ़ें : सोलोमन द्वीप के प्रधानमंत्री ने अशांति के लिए विदेशी हस्तक्षेप को ठहराया जिम्मेदार
उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार ने निर्माण एवं तोड़फोड़ की गतिविधियों पर बृहस्पतिवार को फिर से प्रतिबंध लगा दिया. न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में अगले आदेश तक निर्माण गतिविधियों पर फिर से रोक लगाने का निर्देश दिया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने से प्रभावित होने वाले मजदूरों को पांच-पांच हजार रुपये की सहायता दी जाएगी और उनकी सरकार उन्हें न्यूनतम मजदूरी के नुकसान की भरपाई भी करेगी. इससे पूर्व, वायु गुणवत्ता में सुधार और श्रमिकों को हो रही परेशानी की वजह से सोमवार को निर्माण एवं तोड़फोड़ गतिविधियों से प्रतिबंध हटा दिया गया था. दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता में ‘‘सुधार’’ के मद्देनजर स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों में प्रत्यक्ष कक्षाएं तथा सरकारी दफ्तरों को 29 नवंबर से फिर शुरू करने का बुधवार को फैसला किया था.
आवश्यक सेवाओं में लगे ट्रकों को छोड़कर ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध तीन दिसंबर तक जारी रहेगा, लेकिन सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को 27 नवंबर से दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर को सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने, निर्माण और तोड़-फोड़ की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था. दिल्ली सरकार ने इसके साथ ही अपने कर्मचारियों को, वायु प्रदूषण से निपटने तथा स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों से बचने के लिए घर से काम करने के लिए कहा था.शहर की सरकार ने 17 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में गैर-जरूरी सामान लाने-लेजाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के अलावा, पाबंदियों को और बढ़ा दिया था