विदेश की खबरें | जातिगत भेदभाव के मामले में न्यायमित्र बनने के लिए एआईसी ने अदालत में दाखिल की याचिका

वाशिंगटन, तीन मार्च जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अमेरिका के संगठन आम्बेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र (एआईसी) ने कार्यक्षेत्र में जातिगत भेदभाव के एक मामले में न्यायमित्र बनाए जाने का अनुरोध करने वाली एक याचिका कैलिफोर्निया सुप्रीम कोर्ट में दायर की है।

न्यायमित्र वह संगठन या व्यक्ति होता है, जो मामले में कोई पक्षकार नहीं होता, लेकिन उसे अपना रुख रखने के लिए या मामले संबंधी कोई तथ्य रखने के लिए अदालत को सलाह देने की अनुमति दी जाती है।

‘कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ फेयर एम्प्लायमेंट एंड हाउसिंग’ (डीएफईएच) बनाम सिस्को सिस्टम्स इंक, सुंदर अय्यर एवं रमना कोम्पेला कार्यक्षेत्र में जातिगत भेदभाव के मामले की सुनवाई नौ मार्च को होनी है।

कैलिफोर्निया नियामकों ने पिछले साल सिस्को सिस्टम्स के खिलाफ मुकदमा दायर करते हुए कहा था कि कंपनी के सिलिकॉन वैली स्थित मुख्यालय में एक इंजीनियर को एक दलित भारतीय होने के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ा था।

कैलिफोर्निया राज्य का आरोप है कि इस बड़ी आईटी कंपनी ने निचली समझी जाने वाली एक जाति के परिवार में जन्मे भारतीय मूल के कर्मी के नागरिक अधिकार कानूनों का उल्लंघन किया।

एआईसी ने इस मामले में अपनी सलाह देने और जातिगत भेदभाव पर विस्तार से जानकारी देने के लिए न्यायमित्र बनाए जाने का अनुरोध किया है।

एआईसी ने कहा कि इस मामले की सुनवाई उन लोगों के जीवन को प्रभावित करेगी, जिन्हें जाति के आधार पर भेदभाव का शिकार होना पड़ता है।

एआईसी ने कहा कि उसका दृढ़ विश्वास है कि दलितों के लिए न्याय की लड़ाई में कानूनी सुरक्षा सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है।

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