नयी दिल्ली, 17 जनवरी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना के खिलाफ तीखा हमला करने के कुछ घंटों बाद, भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख को एक “अत्यधिक अहंकारी नेता” करार दिया। भाजपा ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद केजरीवाल को लगता है कि उन्हें ‘‘संवैधानिक प्रावधानों की गलत व्याख्या करने और उसका उल्लंघन करने का अधिकार’’ मिल गया है।
भाजपा की दिल्ली इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक बयान में कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि जिस पार्टी का लोकसभा में एक भी सांसद नहीं है, वह केंद्र में सरकार बनाने का सपना देख रही है।
आप नीत सरकार के कामकाज में सक्सेना के कथित तौर पर दखल देने को लेकर दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, “उपराज्यपाल जितनी मेरी फाइलों की जांच करते हैं, उतना मेरे शिक्षकों ने भी मेरे होमवर्क (गृहकार्य) की जांच नहीं की थी।” उन्होंने कहा, “उपराज्यपाल मेरे हेडमास्टर (प्रधानाध्यापक) नहीं हैं। लोगों ने मुझे मुख्यमंत्री के रूप में चुना है।”
केजरीवाल ने दावा किया कि सक्सेना ने एक बैठक के दौरान उनसे कहा था कि भाजपा ने उनकी वजह से दिल्ली नगर निगम चुनाव में 104 वार्ड जीते हैं और भगवा पार्टी अगले आम चुनावों में राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात लोकसभा सीट पर जीत हासिल करेगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि उपराज्यपाल के पास खुद से निर्णय लेने की शक्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, “उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह पुलिस, भूमि और सार्वजनिक व्यवस्था को छोड़कर अन्य मुद्दों पर फैसला नहीं ले सकते हैं।”
केजरीवाल के भाषण का तीखा खंडन करते हुए सचदेवा ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव में “करारी हार” के बाद केजरीवाल और उनकी पार्टी जो कुछ भी कर रही है, उससे संकेत मिलता है कि उन्होंने अपना राजनीतिक संतुलन तथा मानसिक शांति खो दी है।
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