ADM Suicide Case: नवीन बाबू की आत्महत्या के मामले में माकपा ने केरल सरकार और पुलिस की कार्रवाई को सही बताया
केरल के अतिरिक्त जिलाधिकारी नवीन बाबू की आत्महत्या के मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता पी.पी दिव्या की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत के एक दिन बाद सत्तारूढ़ पार्टी ने मामले सरकार के रुख का समर्थन किया. मा
तिरुवनंतपुरम, 30 अक्टूबर : केरल के अतिरिक्त जिलाधिकारी नवीन बाबू की आत्महत्या के मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता पी.पी दिव्या की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत के एक दिन बाद सत्तारूढ़ पार्टी ने मामले सरकार के रुख का समर्थन किया. माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने कहा कि मामले में राज्य सरकार और पुलिस द्वारा उठाए गए कदम ‘‘उचित’’ हैं और यह कोई नौटंकी नहीं है. विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने सरकार और पुलिस की कार्रवाई को ‘‘नौटंकी’’ बताया था. संवाददाताओं द्वारा यह पूछे जाने पर कि पार्टी दिव्या के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी, गोविंदन ने कहा कि यह माकपा का आंतरिक मामला है, जिसे मीडिया को बताने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में की जाने वाली किसी भी कार्रवाई पर पहले पार्टी की राज्य और जिला समिति द्वारा चर्चा की जाती है. उन्होंने कहा, ‘‘कन्नूर जिला समिति इस बारे में निर्णय लेगी कि क्या कार्रवाई की जानी है.’’ माकपा की पथनमथिट्टा जिला समिति के सचिव केपी उदयभानु ने भी इसी तरह का विचार व्यक्त किया और कहा कि कन्नूर में जिला समिति को यह तय करना होगा कि दिव्या के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी है? साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी बाबू के परिवार के साथ खड़ी है और इससे मामले को लेकर उनके सभी संदेह दूर हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने मामले में आवश्यक कदम उठाए हैं. इस बीच, कन्नूर के जिलाधिकारी अरुण के विजयन ने कहा कि दिव्या की अग्रिम जमानत खारिज करने के अदालत के आदेश में पुलिस को दिए गए उनके पूरे बयान का उल्लेख नहीं है. यह भी पढ़ें : राकांपा नेता नवाब मलिक के लिए प्रचार नहीं करेगी भाजपा, सना मलिक से उसे परेशानी नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि आदेश में उनके बयान का जो हिस्सा उल्लेखित है, वह सही है. केरल की एक अदालत ने मंगलवार को दिव्या की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि ‘‘हालात ही उन्हें गिरफ्तारी से पहले जमानत की छूट से वंचित करते हैं.’’ इसने इस बात पर भी गौर किया कि याचिकाकर्ता (दिव्या) का कृत्य पूर्व नियोजित था, जिसका एकमात्र उद्देश्य एक प्रतिष्ठित पद पर बैठे सरकारी अधिकारी को नीचा दिखाना और उन्हें अपमानित करना था.
जिलाधिकारी कार्यालय में 14 अक्टूबर को विदाई समारोह में कथित तौर पर बिना बुलाए शामिल हुईं दिव्या ने चेंगलाई में पेट्रोल पंप की मंजूरी में कई महीनों की देरी के लिए बाबू की आलोचना की थी और टिप्पणी की थी कि उन्होंने तबादला होने के दो दिन बाद ही मंजूरी दे दी. उन्होंने यह संकेत भी दिया कि वह अचानक मंजूरी देने के पीछे के कारणों को जानती हैं. अगले दिन बाबू कन्नूर स्थित अपने आवास में मृत पाए गए थे. पुलिस ने दिव्या के खिलाफ एडीएम को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 108 के तहत मामला दर्ज किया था जिसके बाद उन्होंने 19 अक्टूबर को तलश्शेरी सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी.