देहरादून, 23 जुलाई कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखंड में पार्टी के एक विधायक द्वारा राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग को गंभीरता से लिया है। पार्टी के एक नेता ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर मामला है और दुर्भाग्यपूर्ण भी। एक सदस्य ने क्रॉस वोट किया और दूसरे के वोट को अवैध घोषित कर दिया गया। पार्टी के निर्देशों के खिलाफ जाना पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जाने के समान है।’’
उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता यशपाल आर्य ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह अक्षम्य...विश्वासघात का कृत्य है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लिये कांग्रेस के प्रभारी को मामले से अवगत करा दिया गया है।
आर्य ने कहा, ‘‘जिसने भी ऐसा किया है, उसके खिलाफ हम निश्चित तौर पर कार्रवाई करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि हालांकि राष्ट्रपति चुनाव गुप्त मतदान के जरिये होता है, लेकिन यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि किसने क्रॉस वोट किया और कौन इसमें शामिल थे।
कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई के अध्यक्ष करण महारा ने आर्य के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव एक बहुत ही तकनीकी मामला है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्यसभा चुनाव जैसा नहीं है, लेकिन फिर भी अगर कोई सामने आता है और (क्रॉस वोटिंग की बात) स्वीकार करता है तो कार्रवाई की जाएगी।
अस्वस्थता के कारण एक भाजपा विधायक के राष्ट्रपति चुनाव में भाग न लेने के कारण, मुर्मू को 50 वोट (भाजपा 46, बसपा 2 और निर्दलीय 2) प्राप्त होने चाहिए थे, लेकिन उन्हें 51 वोट मिले, इससे यह प्रतीत होता है कि कांग्रेस के एक विधायक ने उनके पक्ष में क्रॉस वोट किया।
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