AB de Villiers: अब टी20 में भी नहीं दिखेगा इनके बल्ले का जादू, क्रिकेट को कहा अलविदा
अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट का एक ऐसा खिलाड़ी, जिसने क्रिकेट की तीनों शैलियों में अपने देश की कप्तानी की हो, एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे तेज अर्द्धशतक, शतक और डेढ़ सौ रन बनाने का रिकॉर्ड, जिसके नाम पर हो, जिसका बल्ला मैदान के चारों तरफ रन बटोरता हो, जो 15 वर्ष के अपने करियर में तीन बार आईसीसी द्वारा एकदिवसीय क्रिकेट का वर्ष का बेहतरीन खिलाड़ी घोषित किया गया हो और विजडन द्वारा पिछले दशक के पांच बेहतरीन क्रिकेटर्स में चुना गया हो तो वह दक्षिण अफ्रीका के अब्राहम बेंजामिन डीविलियर्स के अलावा भला और कौन हो सकता है.
नयी दिल्ली, 21 नवंबर : अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट का एक ऐसा खिलाड़ी, जिसने क्रिकेट की तीनों शैलियों में अपने देश की कप्तानी की हो, एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे तेज अर्द्धशतक, शतक और डेढ़ सौ रन बनाने का रिकॉर्ड, जिसके नाम पर हो, जिसका बल्ला मैदान के चारों तरफ रन बटोरता हो, जो 15 वर्ष के अपने करियर में तीन बार आईसीसी द्वारा एकदिवसीय क्रिकेट का वर्ष का बेहतरीन खिलाड़ी घोषित किया गया हो और विजडन द्वारा पिछले दशक के पांच बेहतरीन क्रिकेटर्स में चुना गया हो तो वह दक्षिण अफ्रीका के अब्राहम बेंजामिन डीविलियर्स के अलावा भला और कौन हो सकता है. अपने साथी खिलाड़ियों और प्रशंसकों में बेहद लोकप्रिय ए बी डीविलियर्स ने यूं तो वर्ष 2018 में ही अन्ततराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, लेकिन वह दुनियाभर में टी20 टूर्नामेंट में विभिन्न टीमों के साथ खेल रहे थे. भारत में वह इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर बेंगलुरू की टीम में पिछले 10 बरस से खेल रहे थे और अक्टूबर में इसी टीम की तरफ से उन्होंने अपना अंतिम मैच खेला.
ए बी डीविलियर्स का बल्ला 37 बरस की उम्र में जब मैदान के चारों कोनों से रन बटोर रहा था और वह क्रिकेट के किताबी शॉट्स से आगे जाकर अलग तरह के शॉट्स खेलने के लिए खूब वाह वाही बटोर रहे थे तब उन्होंने अचानक क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया. 17 फरवरी 1984 को दक्षिण अफ्रीका के वामबार्ड (जिसे अब बेला-बेला के नाम से जाना जाता है) में अब्राहम बी डीविलियर्स और मिली डीविलियर्स के यहां तीसरे बेटे का जन्म हुआ तो उसे नाम दिया गया अब्राहम बेंजामिन डीविलियर्स. प्रिटोरिया के एक स्कूल से उन्होंने पढ़ाई की, जहां फ्लाफ डू प्लेसिस से उनकी दोस्ती हुई जो आज तक बनी हुई है. दोनों ने एक साथ देश की क्रिकेट टीम का भी प्रतिनिधित्व किया. उनके पिता डाक्टर हैं और जवानी के दिनों में रग्बी खेला करते थे, लिहाजा उन्होंने अपने बेटों को खेलों की तरफ प्रेरित किया. एबी अपने बड़े भाइयों के साथ घर के ‘बैकयार्ड’ से क्रिकेट की शुरुआत करके देश दुनिया में इस खेल के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार हुए.
विकेट के पीछे तरह-तरह के शॉट मारने वाले और यार्कर जैसी मुश्किल गेंद को बड़ी चतुराई से खेलने की महारत रखने वाले डीविलियर्स ने अपने खेल से तो अकसर सुर्खियां बटोरीं, लेकिन उनके बारे में चंद ऐसी बातों का जिक्र करते हैं, जिनके बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं है. उनके प्रशंसकों के लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि वह अपने धर्म के बहुत पाबंद हैं और उनका कहना है कि जीवन के प्रति उनके नजरिए में उनकी आस्था का एक प्रमुख स्थान है. उनमें एक और खूबी है, वह जितनी कुशलता से अपना बल्ला चलाते हैं उतनी ही खूबसूरती से गिटार पर उनकी उंगलियां अपना कमाल दिखाती हैं. गिटार बजाने के साथ ही वह बहुत अच्छे गायक भी हैं और 2010 में उनके दोस्त और दक्षिण अफ्रीका के मशहूर सिंगर एम्पी डू प्रीज के साथ उनका पॉप अलबम जारी हुआ था. सितंबर 2016 में उनकी आत्मकथा का विमोचन हुआ. यह भी पढ़ें : क्रिकेट फैंस के लिए खुशखबरी, IPL 2022 का आयोजन भारत में होगा, बीसीसीआई सचिव जय शाह ने की पुष्टि
रिटायरमेंट के मौके पर अपने साथी खिलाड़ियों और तमाम सहायक स्टाफ का शुक्रिया अदा करने के साथ ही एबी ने अपने परिवार और दोस्तों को अपनी तमाम उपलब्धियों में भागीदार माना. उनका कहना था, ‘‘घर के बैकयार्ड में अपने बड़े भाइयों के साथ मैच खेलने के बाद से मैं लगातार इस खेल को पूरे मजे और उत्साह के साथ खेल रहा था, लेकिन अब 37 बरस की उम्र में क्रिकेट के प्रति उतनी दीवानगी नहीं रही.’’ डीविलियर्स के इस तरह क्रिकेट को अलविदा कहने के फैसले पर उनके साथी क्रिकेट खिलाड़ियों के अलावा अन्य तमाम टीमों के खिलाड़ियों ने उन्हें अपने समय का बेहतरीन बल्लेबाज बताया और उनके खेल तथा खेल के जज्बे की सराहना करने के साथ ही उनके आने वाले जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं.