विदेश की खबरें | ग्लोबल साउथ के लिए नये वित्त पैकेज पर सहमति बनी, लेकिन सभी देश खुश नहीं

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने और जलवायु अनुकूलन में ‘ग्लोबल साउथ’ की मदद के लिए यहां संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में देशों ने 300 अरब अमेरिकी डॉलर के एक नये वित्तीय पैकेज पर सहमति जताई है, लेकिन घटनाक्रम पर आ रही प्रतिक्रियाओं से पता चलता है कि इससे हर कोई खुश नहीं है।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

बाकू (अजरबैजान), 24 नवंबर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने और जलवायु अनुकूलन में ‘ग्लोबल साउथ’ की मदद के लिए यहां संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में देशों ने 300 अरब अमेरिकी डॉलर के एक नये वित्तीय पैकेज पर सहमति जताई है, लेकिन घटनाक्रम पर आ रही प्रतिक्रियाओं से पता चलता है कि इससे हर कोई खुश नहीं है।

‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है, जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है और ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं।

"न्यूनतम विकसित देश" (एलडीसी) समूह के अध्यक्ष इवांस नजेवा ने नये जलवायु वित्त पैकेज को निराशाजनक करार दिया।

उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "हमने जलवायु परिवर्तन के प्रति सबसे ज्यादा संवेदनशील लोगों को बचाने और पृथ्वी की सेहत सुधारने का मौका गंवा दिया। नये जलवायु वित्त लक्ष्य को लेकर चिंताएं बरकरार हैं। उन सभी का आभार, जो हमारे साथ खड़े रहे। हम लड़ते रहेंगे।"

अफ्रीकी वार्ताकारों के समूह (एजीएन) के अध्यक्ष ने कहा कि यह समझौता "कड़वे मन से" किया गया।

नाइजीरिया की एक वार्ताकार नकिरुका मडुकेवे ने शनिवार को बाकू में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के समापन सत्र के दौरान कहा, "विकसित देशों का 2035 तक 300 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ प्रगति करना एक मजाक है।"

उन्होंने कहा, "हमें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। मुझे लगता है कि हमें इस पर पुनर्विचार करना चाहिए... एक देश के रूप में हमें यह चुनने का अधिकार है कि हम इसे लेना चाहते हैं या नहीं।"

‘टेरी एनर्जी रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ की फेलो आरआर रश्मी ने 'पीटीआई-' को बताया कि तकनीकी रूप से, किसी समझौते के खिलाफ कोई वोट न पड़ने की स्थिति में उसे अपना लिया जाता है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\