नयी दिल्ली, 26 अप्रैल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि देश की 86 फीसदी से अधिक वयस्क आबादी को कोविड-रोधी टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं। इसके साथ ही देश में अब तक टीके की 188 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।
भारत में मंगलवार को शाम सात बजे तक कोविड-रोधी टीके की 19,67,717 खुराक दी गईं। रात तक अंतिम रिपोर्ट आने पर इस संख्या में वृद्धि की संभावना है।
वहीं, शाम सात बजे तक 18-59 आयुवर्ग के 46,044 से अधिक लाभार्थियों को एहतियाती खुराकें (बूस्टर डोज) दी गईं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक इस आयु वर्ग में कुल 5,15,290 लाभार्थियों को टीके की एहतियाती खुराकें दी जा चुकी हैं।
मांडविया ने ट्वीट कर कहा कि अब देश की 86 फीसदी से अधिक वयस्क आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है।
भारत ने 10 अप्रैल को निजी टीकाकरण केंद्रों से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीकों की एहतियाती खुराक देना शुरू किया था। 18 वर्ष से अधिक आयु के लोग, जिन्हें टीकों की दूसरी खुराक लिए नौ महीने पूरे हो चुके हैं, वे एहतियाती खुराक लेने के पात्र हैं।
महामारी के खिलाफ देशव्यापी टीकाकरण अभियान पिछले साल 16 जनवरी को शुरू किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को पहले चरण में टीका लगाया गया था। अग्रिम पंक्ति के कर्मियों का टीकाकरण पिछले साल दो फरवरी से शुरू हुआ था।
कोविड टीकाकरण का अगला चरण पिछले साल एक मार्च को 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 वर्ष और अधिक आयु के लोगों के लिए शुरू हुआ था। देश ने पिछले साल एक अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया।
पिछले साल एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोविड टीकाकरण की अनुमति देकर टीकाकरण अभियान का विस्तार करने का निर्णय लिया गया। टीकाकरण का अगला चरण इस साल तीन जनवरी से 15-18 वर्ष के आयु वर्ग के किशोरों के लिए शुरू हुआ।
भारत ने इस साल 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को टीकों की एहतियाती खुराक देना शुरू किया। देश ने 16 मार्च से 12-14 वर्ष की आयु के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया।
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