विदेश की खबरें | दक्षिणी गाजा में इजराइली हमले में 71 लोग मारे गए

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. वहीं एक इजराइली अधिकारी ने कहा कि हमला हमास की सैन्य शाखा के प्रमुख को निशाना बनाने के लिए किया गया।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

वहीं एक इजराइली अधिकारी ने कहा कि हमला हमास की सैन्य शाखा के प्रमुख को निशाना बनाने के लिए किया गया।

इजराइली अधिकारी ने बताया कि खान यूनिस में हमला मोहम्मद दीफ को निशाना बनाने के लिए किया गया, जिसके बारे में कई लोगों का मानना ​​है कि वह सात अक्टूबर के हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। उक्त हमले में दक्षिणी इजराइल में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और इजराइल-हमास युद्ध शुरू हो गया था।

दीफ कई वर्षों से इजराइल की सबसे वांछित सूची में सबसे ऊपर है और माना जाता है कि वह अतीत में कई इजराइली हमलों में बच निकला है।

अभी औपचारिक घोषणा नहीं होने के चलते एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि हमास के एक अन्य शीर्ष अधिकारी राफा सलामा को भी हमले में निशाना बनाया गया। अधिकारी के पास इसकी जानकारी नहीं थी कि हमले में दोनों अधिकारी मारे गए या नहीं।

गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हमले में कम से कम 289 अन्य घायल हुए हैं और कई घायलों और मृतकों को पास के नासिर अस्पताल ले जाया गया है। अस्पताल में, ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के पत्रकारों ने 40 से अधिक शवों की गिनती की और वहां मौजूद गवाहों ने हमले का वर्णन किया।

यह स्पष्ट नहीं है कि हमला मुवासी के अंदर हुआ या नहीं, जो इजराइल द्वारा निर्दिष्ट एक मानवीय क्षेत्र है, और उत्तरी राफा से खान यूनिस तक फैला हुआ है। तटीय पट्टी वह जगह है जहां सैकड़ों हजारों विस्थापित फलस्तीनी सुरक्षा की तलाश में गए हैं तथा उनमें से अधिकतर ने अस्थायी तंबुओं में शरण ली है।

इजराइल ने गाजा में अपना अभियान हमास के 7 अक्टूबर के हमले के बाद शुरू किया था, जिसमें हमलावरों ने दक्षिणी इजराइल में घुसकर करीब 1,200 लोगों को मार डाला था - जिनमें से ज्यादातर नागरिक थे - और करीब 250 लोगों को अगवा कर लिया था।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि तब से, इजराइल के जमीनी हमलों और बमबारी ने गाजा में 38,300 से अधिक लोगों को मार डाला है और 88,000 से अधिक लोगों को घायल कर दिया है।

मंत्रालय अपनी गणना में लड़ाकों और नागरिकों के बीच अंतर नहीं करता है। गाजा के 23 लाख लोगों में से 80 प्रतिशत से अधिक लोगों को उनके घरों से निकाल दिया गया है और अधिकांश अब गंदे तंबू शिविरों में हैं, जहां उन्हें भूख का सामना करना पड़ रहा है।

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