विदेश की खबरें | गाजा में सप्ताहांत में संघर्ष में 14 इजराइली सैनिकों की मौत, हमास के मजबूत होने के संकेत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. अक्टूबर के अंत में इजराइल के जमीनी हमले की शुरुआत के बाद से सबसे हिंसक संघर्ष वाले दिनों में से एक में इजराइली सैनिकों की मौत का यह सबसे अधिक आंकड़ा है और इस बात संकेत है कि हमास कई हफ्तों के भीषण युद्ध के बावजूद अब भी लड़ाई लड़ रहा है।
अक्टूबर के अंत में इजराइल के जमीनी हमले की शुरुआत के बाद से सबसे हिंसक संघर्ष वाले दिनों में से एक में इजराइली सैनिकों की मौत का यह सबसे अधिक आंकड़ा है और इस बात संकेत है कि हमास कई हफ्तों के भीषण युद्ध के बावजूद अब भी लड़ाई लड़ रहा है।
हालांकि, इजराइली सैनिकों की मौत के बढ़ते आंकड़ों के युद्ध के लिए इजराइली जनता के समर्थन में एक महत्वपूर्ण कारक बनने की संभावना है।
हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने सात अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में आम नागरिकों को निशाना बनाकर हमला किया था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 240 लोगों को बंधक बना लिया था। युद्ध ने गाजा पट्टी के कुछ हिस्सों को तबाह कर दिया है, अनुमान के मुताबिक 20,400 से अधिक फलस्तीनी मारे गए तथा गाजा की 23 लाख लोगों की आबादी में से लगभग 85 प्रतिशत विस्थापित हो गए।
इजराइल अब भी हमास के शासन और सैन्य क्षमताओं को कुचलने तथा शेष 129 बंदियों को रिहा करने के घोषित लक्ष्यों को मजबूती से पूरा करने में जुटा है। इजराइल के हमले के खिलाफ बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव और फलस्तीनियों के मारे जाने तथा अभूतपूर्व कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद यह समर्थन ज्यादातर स्थिर रहा है।
सैनिकों की मौत की बढ़ती संख्या उस समर्थन को कमजोर कर सकती है। यहूदी बहुल और अनिवार्य सैन्य सेवा वाले देश इजराइल में सैनिकों की मौत एक संवेदनशील और भावनात्मक विषय है।
शहीद सैनिकों के नामों की घोषणा हर घंटे के समाचार प्रसारण में सबसे ऊपर की जाती है, और लगभग 90 लाख लोगों के एक छोटे से देश में, वस्तुतः हर परिवार एक रिश्तेदार, दोस्त या सहकर्मी को जानता है जिसने युद्ध में परिवार के किसी सदस्य को खो दिया है।
हमास वसूलता है कीमत
शुक्रवार और शनिवार को 14 इजराइली सैनिक मध्य और दक्षिणी गाजा में लड़ाई में मारे गए, जो इस बात का संकेत है कि कैसे हमास अब भी आगे बढ़ रहे इजराइली सैनिकों के खिलाफ कड़ा प्रतिरोध कर रहा है, जबकि इजराइल का दावा है कि उसने आतंकवादी समूह को गंभीर झटका दिया है।
इजराइली आर्मी रेडियो के अनुसार, चार सैनिकों की उस वक्त मौत हो गई जब उनके वाहन पर एक एंटी-टैंक मिसाइल हमला किया गया। अन्य लोग अलग-अलग, छिटपुट लड़ाई में मारे गए।
उत्तरी इजराइल में लेबनानी शिया आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह की गोलीबारी में एक और सैनिक की मौत हो गई, जिसने हमास के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से इजराइल के साथ निचले स्तर की लड़ाई जारी रखी है, जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका बढ़ गई है।
जमीनी आक्रमण शुरू होने के बाद से मारे गए इजराइली सैनिकों की संख्या 153 हो गई है।
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल की एक बैठक में कहा, “युद्ध ने हमें बहुत भारी कीमत चुकाई है लेकिन हमारे पास लड़ाई जारी रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हम पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ रहे हैं, अंत तक, जीत तक, जब तक हम अपने सभी लक्ष्यों को हासिल नहीं कर लेते।”
शनिवार की रात हजारों लोगों ने तेल अवीव में भारी बारिश के बीच प्रदर्शन किया और नेतन्याहू को उनके उपनाम से बुलाते हुए ‘‘बीबी, बीबी, हम तुम्हें अब और नहीं चाहते’’ के नारे लगाए।
नेतन्याहू ने सैन्य और नीतिगत विफलताओं के लिए जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया और कहा कि लड़ाई खत्म होने के बाद वह कठिन सवालों का जवाब देंगे।
शनिवार को इजराइली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि सेना उत्तरी और दक्षिणी गाजा में अपने आक्रमण का विस्तार कर रही है और सैनिक गाजा के दूसरे सबसे बड़े शहर खान यूनिस में ‘‘जटिल क्षेत्रों’’ में लड़ाई लड़ रहे हैं। इजराइल का मानना है कि हमास नेता यहीं छिपे हुए हैं।
फलस्तीनी रेड क्रिसेंट ने रविवार सुबह कहा कि खान यूनिस में उसके द्वारा संचालित अल-अमल अस्पताल की इमारत के अंदर इजराइली ड्रोन हमले में 13 साल के लड़के की गोली लगने से मौत हो गई। फलस्तीनी रेड क्रिसेंट ने इस बारे में कोई और विवरण नहीं दिया।
इजराइल और फलस्तीन दोनों ओर हताहतों की संख्या बढ़ी है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने फलस्तीनियों के लिए मानवीय सहायता की शीघ्र आपूर्ति और सभी बंधकों की रिहाई को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है हालांकि प्रस्ताव में संघर्ष विराम का जिक्र नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के बाद यह तुरंत स्पष्ट नहीं हुआ है कि सहायता वितरण में कैसे और कब तेजी आएगी।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि शुक्रवार को 100 से भी कम ट्रक दाखिल हुए जो युद्ध से पहले के दैनिक औसत 500 से काफी कम है।
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