देश की खबरें | बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने से 12 मरीजों की मौत, अन्य अस्पतालों ने भी दी चेतावनी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली के बत्रा अस्पताल में रविवार को ऑक्सीजन की कमी की वजह से एक वरिष्ठ डॉक्टर सहित 12 लोगों की मौत हो गई जबकि कम से कम दो अस्पतालों ने ऑक्सीजन का भंडार चिंताजनक स्तर पहुंच जाने की सूचना दी।

नयी दिल्ली, एक मई दिल्ली के बत्रा अस्पताल में रविवार को ऑक्सीजन की कमी की वजह से एक वरिष्ठ डॉक्टर सहित 12 लोगों की मौत हो गई जबकि कम से कम दो अस्पतालों ने ऑक्सीजन का भंडार चिंताजनक स्तर पहुंच जाने की सूचना दी।

बत्रा अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर एस सी एल गुप्ता ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों में अस्पताल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी (जठरांत्र विज्ञान) विभाग के प्रमुख आर के हिमतानी भी शामिल हैं। उन्हें 15-20 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना पर शोक व्यक्त किया है।

उन्होंने ट्वीट किया, ''ये खबर बहुत ही ज़्यादा पीड़ादायी है। इनकी जान बच सकती थी -समय पर ऑक्सीजन देकर। दिल्ली को उसके कोटे की ऑक्सीजन दी जाए। अपने लोगों की इस तरह होती मौतें अब और नहीं देखी जाती। दिल्ली को 976 टन ऑक्सीजन चाहिए और कल केवल 312 टन ऑक्सीजन दी गयी। इतनी कम ऑक्सीजन में दिल्ली कैसे साँस ले?''

इस बीच, अस्पताल ने कहा कि उसने शनिवार को ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर जीवन रक्षा संदेश (एसओएस) भेजा था।

गुप्ता ने कहा कि उन्होंने शनिवार सुबह जब 2,500 लीटर ऑक्सीजन बची थी तो इसकी कमी को लेकर अधिकारियों के जानकारी दी थी।

उन्होंने कहा कि दोपहर करीब साढ़े 12 बजे अस्पताल के अधिकारियों ने दावा किया कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है। एक बजकर 35 मिनट पर ऑक्सीजन का टैंकर आया।

अस्पताल के कार्यकारी निदेशक सुधांशु बंकाटा ने कहा, ''रोगी के एक बार ऑक्सीजन प्रदाय प्रणाली से हटते ही, उसे बचा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। दुर्भाग्यवश हमें और लोगों की मौत होने की आशंका है।''

इस बीच, दिल्ली सरकार द्वारा संचालित जीटीबी अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल समेत कई अस्पतालों ने शनिवार को ऑक्सीजन खत्म होने के बारे में सतर्क किया है।

राष्ट्रीय राजधानी कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते ऑक्सीजन की भारी किल्लत से जूझ रही है।

इससे पहले, केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने प्रतिदिन 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मुहैया कराने की मांग की थी, लेकिन केन्द्र ने केवल 490 मीट्रिक टन का आवंटन किया है। शुक्रवार को दिल्ली को केवल 312 टन मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिल्ली को 25 अप्रैल को 305 मीट्रिक टन, 26 अप्रैल को 408 मीट्रिक टन, 27 अप्रैल को 398 मीट्रिक टन, 28 अप्रैल को 431 मीट्रिक टन और 29 अप्रैल को 409 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली है।

केजरीवाल ने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो उनकी सरकार अगले 24 घंटे में 9 हजार बिस्तरों को प्रबंध कर सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ''हम ऑक्सीजन को लेकर बहुत परेशानी का सामना कर रहे हैं। आज भी, हमें दिल्ली के अस्पतालों से एसओएस कॉल मिली हैं कि केवल एक घंटे या आधे घंटे की ऑक्सीजन शेष है।''

उन्होंने कहा, ''बहुत सारी कठिन परिस्थितियां उभर रही हैं। हमने अदालतों को भी इससे अवगत कराया है। साथ ही केंद्र सरकार को लिखा है कि दिल्ली को प्रति दिन 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है जबकि हमें 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित की गई। लेकिन 490 मीट्रिक टन भी नहीं मिल रही है।''

मरीजों को अस्पतालों के बाहर इंतजार करने के लिए क्यों कहा जाता है, इस बारे में बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, ''ऐसा केवल ऑक्सीजन की वजह से होता है। हमने राधा स्वामी सत्संग ब्यास में 5,000 बिस्तर तैयार किए हैं, लेकिन ऑक्सीजन नहीं होने के चलते उनमें से केवल 150 बिस्तरों का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। हमने राष्ट्रमंडल खेलगांव, यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 1,300 बिस्तर तैयार किये हैं, लेकिन ऑक्सीजन नहीं है।''

केजरीवाल ने कहा कि आप सरकार ने बुराड़ी में 2,500 बिस्तरों का प्रबंध किया है। अगर हमें आज ऑक्सीजन मिल जाए तो दिल्ली में 24 घंटों में नौ हजार ऑक्सीजन बिस्तर तैयार हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा, ''ऑक्सीजन नहीं है। दिल्ली अपना ऑक्सीजन उत्पादन नहीं करती। हम कहां जाएं। किससे ऑक्सीजन खरीदें।''

वहीं, केन्द्र सरकार का आरोप है कि दिल्ली सरकार शहर के अस्पतालों के लिये ऑक्सीजन की ढुलाई के लिये टैंकरों का प्रबंध करने में नाकाम रही है।

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