देश की खबरें | महाराष्ट्र में बस के नदी में बहने से कुछ पल पहले उसमें सवार 11 लोगों को बचाया गया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में शुक्रवार तड़के एक बस के बाढ़ के पानी में बहने से कुछ पल पहले, उसमें सवार आठ नेपाली श्रमिकों समेत 11 लोगों को बचा लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुणे, 23 जुलाई पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में शुक्रवार तड़के एक बस के बाढ़ के पानी में बहने से कुछ पल पहले, उसमें सवार आठ नेपाली श्रमिकों समेत 11 लोगों को बचा लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि निजी बस के चालक के खिलाफ बस को लापरवाही से चिकोडी नदी पर बने पुल पर ले जाने के लिये मामला दर्ज किया गया है। घटना भूदरगढ़ तहसील के पंगेरे गांव में तड़के करीब 2.30 बजे हुई। 11 लोगों में से आठ नेपाली हैं जो गोवा के होटलों में काम करते हैं और नासिक जा रहे थे। नासिक से उन्हें अपने देश लौटना था।
भूदरगढ़ थाने के वरिष्ठ निरीक्षक संजय मोरे ने कहा, ''पंगेरे गांव के पुलिस पाटिल (स्थानीय पुलिस प्रतिनिधि) संदीप गुरव, कुछ स्थानीय लोगों और होमगार्ड के कर्मचारियों ने बस को रोककर ड्राइवर से आगे न जाने के लिए कहा। लेकिन वह इस बात को अनदेखा कर बस को पुल पर ले गया।''
उन्होंने कहा कि यहां तक कि यात्रियों और उसके सह-चालक ने भी चालक को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह पुल पर आगे बढ़ता गया। एक बार तो बस पुल पर फिसलकर नदी में उतर गई। इसके बाद कुछ यात्री छत पर चढ़ गए और मदद के लिए चिल्लाने लगे।
मोरे ने कहा, ''पुलिस पाटिल गुरव, अन्य पुलिसकर्मी, होमगार्ड और स्थानीय युवक मौके पर पहुंचे और पुल के पास खड़े एक ट्रक में रस्सी बांधकर सभी 11 लोगों को बचाया।''
उन्होंने कहा कि यात्रियों को बचाए जाने के कुछ ही क्षण बाद बस बह गई।
बस में सवार एक नेपाली नागरिक मनबहादुर डांगी ने कहा कि जब बस पानी में उतरी तब वह सो रहे थे।
उन्होंने कहा, ''मैं उठा और देखा कि अंदर पानी बह रहा है। हम बहुत डरे हुए थे... गांव के स्थानीय लोग हमारी मदद के लिए दौड़े और हमें बचाया।''
डांगी ने कहा, ''एक पल के लिए, मुझे लगा कि हम नहीं बचेंगे और अपने भाई को अपने बच्चों और परिवार की देखभाल करने के लिए कहने के लिए फोन करने के बारे में सोचा।''
पुलिस ने कहा कि नीलेश भराडे, नितिन भराडे, अक्षय भारडे, संतोष, अमोल चव्हाण और भैरवनाथ चव्हाण समेत स्थानीय स्वयंसेवी समूह छत्रपति प्रतिष्ठान के सभी सदस्यों ने बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पुलिस के मुताबिक बस चालक अजीत परदेशी (39) को हिरासत में ले लिया गया। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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