यूरोपीय परिषद और यूरोपीय आयोग के अध्यक्षों से मिले शी चिनफिंग
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने गुरुवार को पेइचिंग में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ मुलाकात की. इस मौके पर शी चिनफिंग ने चीन और यूरोपीय संघ के 24वें शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए चीन आने पर मिशेल और वॉन डेर लेयेन का स्वागत किया.
बीजिंग, 7 दिसंबर: चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने गुरुवार को पेइचिंग में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ मुलाकात की. इस मौके पर शी चिनफिंग ने चीन और यूरोपीय संघ के 24वें शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए चीन आने पर मिशेल और वॉन डेर लेयेन का स्वागत किया. पिछले साल के अंत से दोनों अध्यक्षों ने क्रमशः चीन का दौरा किया था. रणनीतिक, व्यापारिक, हरित और डिजिटल क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय वार्ता में व्यापक परिणाम प्राप्त हुए.
चीन-यूरोप संबंधों का मजबूत विकास कायम रहा. यह दोनों पक्षों के हितों और लोगों की अपेक्षा के अनुरूप है. दोनों पक्षों को चीन-यूरोप संबंधों के विकास की बेहतर स्थिति बनाए रखनी चाहिए. शी चिनफिंग ने यह भी कहा कि अब दुनिया एक सदी में अनदेखे गंभीर बदलावों से गुजर रही है. चीन और यूरोप बहुध्रुवीयता बढ़ाने की दो बड़ी शक्तियां हैं, वैश्वीकरण का समर्थन करने वाले दो बड़े बाजार हैं और विविधता का प्रोत्साहन करने वाली दो प्रमुख सभ्यताएं हैं. यह भी पढ़ें : इमरान की पत्नी और वकील के बीच बातचीत का ऑडियो लीक होने पर आईएसआई प्रमुख से रिपोर्ट तलब
चीन-यूरोप संबंध विश्व शांति, स्थिरता और समृद्धि से संबंधित हैं. चीन और यूरोप को दुनिया में ज्यादा स्थिरता डालने, विकास को अधिक प्रोत्साहन देना और वैश्विक शासन को ज्यादा निर्देश व समर्थन देने की जिम्मेदारी है. शी चिनफिंग ने कहा कि इस साल चीन और यूरोपीय संघ के बीच चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदारी की स्थापना की 20वीं वर्षगांठ है. नई शुरुआत पर हमें ऐतिहासिक अनुभव का सारांश कर विश्व रुझान के अनुसार चतुर्मुखी रणनीतिक साझेदारी को सही दिशा में बढ़ाना चाहिए.
चीन और यूरोप संघ आपसी लाभ वाला सहयोग और आपसी रणनीतिक विश्वास बढ़ाने के साथ वार्ता और सहयोग मजबूत करना चाहिए, ताकि दोनों पक्षों के लोगों को फायदा मिल सके. चीन और यूरोपीय संघ को एक साथ वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला कर विश्व स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाना होगा.