लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों का बीमा कौन करेगा
लाल सागर के समुद्री रूट पर हूथी विद्रोही जहाजों को निशाना बना रहे हैं.
लाल सागर के समुद्री रूट पर हूथी विद्रोही जहाजों को निशाना बना रहे हैं. इन हमलों के जख्म वैश्विक कारोबार, मिस्र की अर्थव्यवस्था और शिपिंग कंपनियों पर दिखने लगे हैं.अगस्त 2024 तक लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों का इंश्योरेंस प्रीमियम, जहाज के मूल्य का 0.7 फीसदी था. इसी दौरान लाल सागर में ग्रीस के एक ऑयल टैंकर पर हमला हुआ. जहाजरानी उद्योग के सूत्रों के मुताबिक, उस हमले के बाद कुछ ही हफ्तों में रेड सी ट्रांजिट के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम, जहाज की लागत का दो फीसदी हो गया.
नाम छुपाने की शर्त पर सूत्रों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि अब प्रीमियम में युद्ध जोखिम भी अलग से जोड़ दिया गया है. मार्स कंपनी के सौदे देखने वाले ब्रिटेन के लुईस नेविल कहते हैं, "फिलहाल हम लाल सागर की एक तरफ की यात्रा के लिए ही जहाज के मूल्य का दो फीसदी इश्योरेंस प्रीमियम देख रहे हैं."
रेड सी, या लाल सागर यूरोप और एशिया को जोड़ने वाला अहम जल मार्ग है. स्वेज नजर से गुजरने वाले जहाजों को लाल सागर में आना ही पड़ता है. जहाजरानी उद्योग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, कुछ बीमा कंपनियां तो लाल सागर से होने वाले ट्रांजिट के लिए इंश्योरेंस कवर देने से भी इनकार कर रही हैं.
इश्योरेंस ब्रोकर फर्म 'मैकगिल एंड पार्टनर्स' के मरीन हेड डेविड स्मिथ कहते हैं, "बहुत से छोटे बीमाकर्ता तो लाल सागर की कवरेज देने को ही तैयार नहीं हैं. यह पहला मौका है, जब मैं उन्हें ना कहते हुए देख रहा हूं."
कुछ खास जहाजों को ही निशाना बना रहे हैं यमन के हूथी विद्रोही
7 अक्टूबर 2023 को इस्राएल पर हुए हमास के हमले के बाद, इस्राएल जिस तरह से गाजा में सैन्य कार्रवाई कर रहा है, उससे यमन के हूथी विद्रोही भड़के हुए हैं. इसका बदला लेने के लिए वे लाल सागर में शिपिंग उद्योग को निशाना बना रहे हैं. ईरान समर्थित हूथी विद्रोही अब तक वहां जहाजों पर 70 से ज्यादा हमले कर चुके हैं.
इन हमलों में दो जहाज डूब चुके हैं और चालक दल के कम-से-कम तीन सदस्यों की मौत हो चुकी है. फलीस्तीन के समर्थन में ऐसे हमले कर रहे हूथी विद्रोहियों का कहना है कि वे अमेरिका और ब्रिटेन से नाता रखने वाले जहाजों को निशाना बनाएंगे. इस्राएल के बंदरगाह इस्तेमाल करने वाले जहाजों पर भी हमला करने का एलान किया गया है.
इसी क्रम में 21 अगस्त 2024 को हूथी विद्रोहियों ने ग्रीस के पेट्रोलियम टैंकर 'सोयूनियन' पर हमला किया. टैंकर में 10 लाख बैरल कच्चा तेल लदा था. हमले के बाद टैंकर में आग भी लगी, लेकिन फौरी कार्रवाई के कारण बड़े नुकसान को टाल दिया गया. यूरोपीय संघ के समुद्री मिशन के मुताबिक, सितंबर के तीसरे हफ्ते में ऑयल टैंकर को बिना किसी लीकेज के सुरक्षित जगह पहुंचा दिया गया. इस दौरान ईरान ने भी कुछ देर तक इलाके में संघर्ष विराम के लिए हामी भरी.
बीमा उद्योग से जुड़े तीन सूत्रों के मुताबिक, सोयूनियन टैंकर की वैल्यू 8 करोड़ डॉलर आंकी गई है. तकरीबन महीने भर बाद भी सोयूनियन के नुकसान के लिए बीमे का कोई दावा फाइल नहीं किया गया है.
जहाजों पर हूथियों के हमलों से वैश्विक अर्थव्यवस्था को झटका
वैश्विक ट्रांसपोर्टेशन लॉजिस्टिक्स पर नजर रखने वाली वेबसाइट 'फ्लेक्सपोर्ट' के मुताबिक, जनवरी 2024 तक हूथियों के हमले के कारण 25 फीसदी जहाजों को लाल सागर रुट से डाइवर्ट करना पड़ा है. इसकी वजह से स्वेज नहर की ट्रांजिट फीस पाने वाले मिस्र को भी भारी नुकसान हो रहा है. अनुमान है कि हमले इसी तरह जारी रहे, तो मिस्र को इस साल स्वेज नहर के लिए 5 अरब डॉलर कम ट्रांजिट फीस मिलेगी.
एशिया को यूरोप से जोड़ने में स्वेज नहर और लाल सागर की अहम भूमिका है. लाल सागर के बगल में बसे यमन में हूथी विद्रोही बेहद ताकतवर हैं. हूथियों के हमलों के कारण यूरोप और एशिया के बीच चलने वाले कई जहाज अब तकरीबन 10 दिन लंबा चक्कर लगाने पर मजबूर हो रहे हैं. वे दक्षिण अफ्रीका का तिकोना पॉइंट पार कर यूरोप और एशिया को जोड़ रहे हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे रास्ते का इस्तेमाल करने से हर जहाज का ईंधन खर्च करीबन डेढ़ गुना बढ़ रहा है. इससे औद्योगिक उत्पादन के लिए आने-जाने वाला कच्चा माल महंगा हो रहा है. लाल सागर में दुनिया को इंटरनेट से जोड़ने वाली ऑप्टिकल फाइबर का नेटवर्क भी है. गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक इनमें से तीन तारें काटी जा चुकी हैं.
ओएसजे/ एसएम (रॉयटर्स)