पाकिस्तान ने हिंदू धर्म स्थल ‘पंज तीरथ’ को राष्ट्रीय विरासत घोषित किया
पश्चिमी पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा प्रांत सरकार ने पेशावर में स्थत प्राचीन हिंदू धार्मिक जगह पंज तीरथ को राष्ट्रीय विरासत घोषित कर दिया है. पंज तीरथ को वहां मौज़ूद पानी के पांच तालाबों की वजह से प्रसिद्धि मिली. यहां पांच तालाबों के अलावा, एक मंदिर और खजूर के पेड़ों वाला एक बगीचा भी है.
पेशावर: पश्चिमी पाकिस्तान (Pakistan) की खैबर पख्तूनख्वा प्रांत सरकार ने पेशावर में स्थत प्राचीन हिंदू धार्मिक जगह पंज तीरथ (Panj Tirath) को राष्ट्रीय विरासत घोषित कर दिया है. पंज तीरथ को वहां मौज़ूद पानी के पांच तालाबों की वजह से प्रसिद्धि मिली. यहां पांच तालाबों के अलावा, एक मंदिर और खजूर के पेड़ों वाला एक बगीचा भी है. अब इस ऐतिहासिक स्थल के पांचों तालाब चचा यूनुस पार्क और खैबर पख्तूनख्वा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की सीमा में आ गए हैं.
खैबर पख्तूनख्वा के डायरेक्टरेट ऑफ आर्कियोलॉजी एंड म्यूज़ियम ने KP एंटीक्विटीज़ ऐक्ट 2016 के तहत एक नोटिफिकेशन जारी की. इस नोटिफिकेशन के जरिए पंज तीरथ पार्क को एक ऐतिहासित विरासत घोषित कर दिया गया.
ऐसा माना जाता है कि इस जगह का संबंध महाभारत काल के पांडु से था. हिंदू कार्तिक महीने में इन तालाबों में स्नान करने आते थे और दो दिनों तक इन पेड़ों के नीचे पूजा-अर्चना करते थे.
सन 1747 में अफगान दुर्रानी वंश के दौरान इस ऐतिहासिक जगह को नुकसान पहुंचा. हालांकि, बाद में 1834 में सिख शासन के दौरान स्थानीय हिंदुओं ने इसे फिर से बनवाया और यहां एक बार फिर पूजा शुरू हो गई.
सरकार ने यह भी ऐलान किया कि इस राष्ट्रीय विरासत को नुकसान पहुंचाने वाले को 20 लाख रुपये और पांच साल जेल तक का जुर्माना लगाया जाएगा. पुरातत्व निदेशालय ने खैबर पख्तूनख्वा सरकार से इस जगह के आसपास मौज़ूद अतिक्रमण भी साफ कराने को कहा है. इसके साथ ही पुरातत्वविदों को वहां बेहद जरूरी संरक्षण से जुड़ा काम करने की अनुमति भी देने को कहा है. निदेशालय ने सरकार से इस जगह के चारों तरफ एक बाउंडरी वॉल बनाने के लिए भी कहा है.