इमरान खान ने मोदी सरकार पर कसा तंज, कहा- सत्ताधारी पार्टी मुस्लिम और पाक विरोधी, नहीं चाहती शांति

पाकिस्तान के प्राधानमंत्री इमरान खान ने मोदी सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया है. इमरान ने वॉशिंगटन पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत की सत्ताधारी पार्टी (बीजेपी) मुसलमान और पाक विरोधी है.

पाक पीएम इमरान खान (Photo Credit- Facebook)

पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) ने मोदी सरकार को लेकर बड़ा बयान दिया है. इमरान ने वॉशिंगटन पोस्ट (Washington Post) को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि भारत की सत्ताधारी पार्टी (बीजेपी) मुसलमान और पाक विरोधी है. इमरान खान ने कहा कि भारत सरकार ने मेरी तरफ से की गई शांति की हर कोशिश को नाकाम कर दिया. मुंबई हमले के अपराधियों के के बारे में बात करते हुए इमरान ने कहा कि मैंने सरकार से केस की हालिया स्थिति पता करने को कहा है. यह आतंकवाद से जुड़ा मुद्दा था, हम इसे सुलझाना चाहते हैं.

इमरान खाने ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि जब भारत में चुनाव हो जाएंगे तो दोनों देशों में बातचीत शुरू हो सकेगी. आतंकवाद पर सफाई देते हुए इमरान ने कहा कि जबसे मैं सत्ता में आया हूं, सुरक्षाबलों से मुझे बाकायदा जानकारी मिल रही है. इतना ही नहीं मुंबई 26/11 हमले पर इमरान ने कहा कि 26/11 हमले से पाक का कोई लेना देना नहीं है.

आतंकवाद के चलते भारत ने ठुकराया वार्ता प्रस्ताव 

बता दें कि जुलाई में चुनाव जीतने के बाद अपने पहले संबोधन में इमरान ने कहा था कि भारत एक कदम आगे बढ़ेगा तो हम दो कदम चलेंगे. हालांकि पकिस्तान की तरफ से लगातार सीमा पर आतंकी गतिविधियां चलने के कारण भारत सरकार इसके लिए राजी नहीं हुई. हाल ही में पाक ने भारत को सार्क समिट में शामिल होने का न्योता दिया था. इस पर सुषमा स्वराज ने कहा कि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं हो सकते.

अमेरिका से भी किए तीखे सवाल 

भारत सरकार के साथ-साथ इस दौरान पाक प्रधानमंत्री ने अमेरिका पर भी सवाल उठाए. खान ने कहा " मैं अमेरिका से पूछना चाहता हूं कि हमारे यहां आतंकी गुट कहां सक्रिय हैं? अगर अफगान सीमा पारकर 2-3 हजार तालिबान हमारे यहां आ गए हैं तो उन्हें अफगान शिविरों में भेज दिया जाएगा. खान ने कहा कि ओसामा अफगानिस्तान में था, इसमें किसी पाकिस्तानी की भूमिका नहीं थी. इस दौरान इमरान खान ने यह भी कहा कि 1980 में तालिबान के खिलाफ लड़ाई में हमने अमेरिका की मदद की पर बदले में हमें क्या मिला, हमारे 80 हजार लोग मारे गए, हमें करीब 150 अरब डॉलर (करीब 10.58 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ. आज हमारे यहां न तो कोई निवेशक आता है और न ही कोई टीम खेलने के लिए आती है.

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