Afghanistan: तालिबान की मदद के लिए पाकिस्तान के अपने नागरिकों को अफगानिस्तान भेजने के कोई सबूत नहीं: पेंटागन

अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन का कहना है कि अफगानिस्तान में तालिबान के साथ पाकिस्तानी नागरिकों के होने की खबरों की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं मिले हैं. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने तालिबान के साथ अपने 10,000 से 15,000 लोगों को काबुल और अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए भेजा था.

सेना के जवान (Photo Credits: PTI/File Photo)

वाशिंगटन, 3 सितंबर : अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन का कहना है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान के साथ पाकिस्तानी नागरिकों के होने की खबरों की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं मिले हैं. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने तालिबान के साथ अपने 10,000 से 15,000 लोगों को काबुल और अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए भेजा था. इस संबंध में किए एक सवाल के जवाब में पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ मुझे उस रिपोर्ट की पुष्टि के लिए कुछ नहीं मिला है.’’

किर्बी ने कहा, ‘‘ जैसा कि मैंने पहले भी कहा था, उस सीमा पर मौजूद सुरक्षित पनाहगाहों में पाकिस्तान का साझा हित है और वे भी आतंकवादी गतिविधियों का शिकार बने हैं. मेरा मानना है कि हम सभी एक दूसरे की मदद करने और दुनिया के उस हिस्से से इस तरह के हमलों का शिकार नहीं होने के लिहाज से एकमत हैं.’’ इस बीच, एक प्रमुख कांग्रेस कमेटी ने आम-सहमति से राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम में एक संशोधन को स्वीकार किया, जिसमें पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार की सुरक्षा पर रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से रिपोर्ट मांगी गई है. यह भी पढ़ें : Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में सरकार बनाने के लिए तालिबान तैयार, मुल्ला अखुंदजादा होंगे सर्वोच्च नेता

रिपब्लिकन सांसद लिज चेनी द्वारा पेश किए गए संशोधन को सदन की सशस्त्र सेवा समिति ने बुधवार को ध्वनिमत से स्वीकार किया. इसमें रक्षा मंत्री से पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार पर कब्जा या नियंत्रण होने संबंधी संवेदनशीलता पर एक रिपोर्ट की मांग की गई है.

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