Marsha P Johnson Google Doodle: ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट मार्शा पी जॉनसन को गूगल कर रहा है याद, समर्पित किया ये खास डूडल
सर्च इंजिन गूगल आज समलैंगिक समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट मार्शा पी जॉनसन स्पेशल डूडल के जरिए याद कर रहा है. मार्शा पी जॉनसन का नाम अमेरिका में समलैंगिकों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले चुनिंदा चेहरों में शुमार है. गूगल ने अपने डूडल में मार्शा पी जॉनसन की जिस पेंटिंग का इस्तेमाल किया है, उसे लॉस एंजेलिंस के रॉब गिलियाम ने बनाया है.
Marsha P Johnson Google Doodle: सर्च इंजिन गूगल (Google) आज LGBTQ यानी समलैंगिक समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट मार्शा पी जॉनसन (Transgender Activist Marsha P Johnson) को स्पेशल डूडल (Special Doodle) के जरिए याद कर रहा है. मार्शा पी जॉनसन (Marsha P Johnson) का नाम अमेरिका में समलैंगिकों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले चुनिंदा चेहरों में शुमार है. पिछले साल 30 जून को मार्शा जॉनसन मरणोपरंता न्यूयॉर्क प्राइड मार्च का 'ग्रैंड मार्शल' (Grand Marshal) घोषित किया गया था, जो एक सम्मानित पद है.
उन्होंने खुद को 'ड्रैग क्वीन' घोषित किया था, इस शब्द का इस्तेमाल पहले पश्चिमी सभ्यता में उन लोगों के लिए किया जाता था, जो एक पुरुष होते हुए हुए भी मनोरंजन के लिए महिलाओं की तरह कपड़े पहनते या उनकी तरह मेकअप करते थे. हालांकि आधुनिक युग में ड्रैग क्वीन को 'गे पुरुष' से जोड़कर देखा जाने लगा, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है क्योंकि वे किसी भी लिंग या लैंगिंक पहचान के हो सकते हैं.
गूगल ने अपने डूडल (Google Doodle) में मार्शा पी जॉनसन की जिस पेंटिंग का इस्तेमाल किया है, उसे लॉस एंजेलिंस के रॉब गिलियाम ने बनाया है. डूडल में मार्शा पी जॉनसन की मुस्कुराती हुई कलरफुल पेंटिंग का इस्तेमाल किया गया है. यह भी पढ़ें: Happy Father's Day 2020 Google Doodle: फादर्स डे की शुभकामनाएं, गूगल के इस खास डूडल के जरिए बनाएं रचनात्मक क्राफ्ट और अपने प्यारे पापा को भेंजे पितृ दिवस के वर्चुअल कार्ड
ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट मार्शा पी जॉनसन का जन्म 24 अगस्त 1945 को न्यूजर्सी में हुआ था. जन्म के बाद उनका नाम मैल्कम माइकल जूनियर रखा गया था. बताया जाता है कि साल 1963 में ग्रेजुएशन के बाद वो न्यूयॉर्क के ग्रीनविच विलेज चली गईं, जहां समलैंगिक लोगों की संख्या काफी ज्यादा थी. माना जाता है कि यहां आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर मार्शा पी जॉनसन रख लिया था.
समलैंगिकों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने के मकसद से साल 1969 में 'स्टोनवाल अपराइजिंग आंदोलन' किया गया था. मार्शा को इस आंदोलन में शामिल होने बाले बड़े चेहरों में से एक माना जाता है. माना जाता है कि इस आंदोलन के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समलैंगिक समुदाय के अधिकारों की बात होने लगी थी. आगे चलकर उन्होंने अपने ट्रांसजेंडर पार्टनर सिलविया रिवेरा के साथ मिलकर 'स्टार' नामक एक संगठन की स्थापना भी की थी.