जर्मन राजनीतिज्ञ पर हमले के बाद सुरक्षा बढ़ाने की मांग
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

पूर्वी जर्मन शहर ड्रेसडेन में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता मथियास एके पर हमले के विरोध में प्रदर्शन. हमले में यूरोपीय सांसद को काफी चोटें आईं. हमले के समय वे चुनावी पोस्टर लगा रहे थे.चुनाव प्रचार के दौरान यूरोपीय संसद के सदस्य मथियास एके पर हुए हमले के बाद बर्लिन और ड्रेसडेन में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. वे देश में राजनीतिज्ञों पर बढ़ते हमलों का विरोध कर रहे थे. हमले के बाद चुनाव प्रचार करने वाले कार्यकर्ताओं की पुलिस सुरक्षा की मांग तेज पकड़ रही है. जर्मन गृहमंत्री ने चुनाव प्रचार सभाओं को ज्यादा पुलिस सुरक्षा देने का समर्थन किया है. मंगलवार को केंद्र और प्रांतीय सरकारों के गृह मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है.

मथियास एके पर हमला बीते हफ्ते शुक्रवार को ड्रेसडेन में उस वक्त हुआ जब वह 9 जून को होने वाले यूरोपीय संसद के चुनावों के लिए पोस्टर लगा रहे थे. एके सैक्सोनी में अपनी एसपीडी पार्टी के मुख्य उम्मीदवार हैं.

हमले में मथियास एके के जबड़े और आंखों पर गंभीर चोटें आईं और उनके चेहरे पर जगह जगह खून के थक्के जम गए थे. 41 वर्षीय एके को चार लोगों ने बुरी तरह पीटा जिसके बाद उन्हें इमर्जेंसी वार्ड में भर्ती कराना पड़ा. बीते रविवार को उनकी सर्जरी भी की गई. उनकी पार्टी के मुताबिक उनकी हालत फिलहाल स्थिर है. वह 2022 से यूरोपीय संसद के सदस्य हैं.

पुलिस ने की चार आरोपियों की पहचान

पुलिस ने अब तक चार हमलावरों की पहचान की है. ये चारों आरोपी 17 और 18 साल के बताए जा रहे हैं. आरोपियों की पहचान से पहले इनमें से एक ने खुद ही पुलिस स्टेशन जाकर सरेंडर कर दिया था और ये कबूल कर लिया था कि एके पर हुए हमले में वह शामिल था. इसके बाद ही पुलिस बाकी आरोपियों तक पहुंची. पुलिस के अनुसार कम से कम एक हमलावर के राजनीति प्रेरित दक्षिणपंथी होने के संकेत हैं.

पुलिस ने इस सभी आरोपियों के घरों की भी तलाशी ली जहां उन्हें हमले से जुड़े सबूत मिले. हालांकि, इस हमले के पीछे इन चारों आरोपियों का क्या मकसद था पुलिस ने इस बात की कोई जानकारी नहीं दी है. पुलिस को शक है कि एके पर हुए हमले के कुछ मिनट पहले ही इन्हीं हमलावरों ने चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की सरकार में शामिल ग्रीन पार्टी के एक सदस्य के साथ भी हिंसा की थी. वह भी उस वक्त उसी इलाके में चुनाव के पोस्टर लगा रहे थे.

हमलों को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया

जर्मनी के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने एके पर हुए हमले को लोकतंत्र के लिए एक खतरा बताया है. चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने हमले की निंदा की है और कहा है कि ऐसी घटनाओं से लोकतंत्र को खतरा है. लोगों को एक दूसरे के खिलाफ भड़का कर ऐसा माहौल तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "हमें ऐसी हिंसा को स्वीकार नहीं करना चाहिए और मिलकर इसका विरोध करना चाहिए.”

सैक्सोनी में एसपीडी पार्टी के अध्यक्ष हेनिंग होमन और काथरीन मिशेल ने एक बयान जारी कर जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी पर आरोप लगाए. एएफडी की नेता एलिस वाइडेल ने कहा कि एके पर हुए हमले को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करना घिनौना और गैर जिम्मेदाराना है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एएफडी के नेताओं पर भी लगातार हमले होते रहते हैं.

लोकतांत्रिक ताकतों की सुरक्षा की चिंता

जर्मनी की गृह मंत्री नैंसी फेजर ने भविष्य में ऐसे राजनीतिक हमलों को रोकने के लिए अपने अधिकारियों के साथ एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह के हमलों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए लोकतांत्रिक ताकतों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए.

एसपीडी पार्टी ने हमले की आलोचना करते हुए कहा कि हिंसा को इस्तेमाल करने की यह इच्छा अचानक पैदा नहीं हुई है. पार्टी ने चेतावनी दी है कि इस हमले को अलग थलग करके न देखा जाए. पार्टी प्रमुख सास्किया एस्केन ने धुर दक्षिणपंथी पार्टियों और चरमपंथियों द्वारा लोकतंत्र की अवमानना और सामाजिक बंटवारे को बढ़ावा देते संदेशों को इस हमले के लिए जिम्मेदार बताया.

जर्मनी में राजनीतिज्ञों पर बढ़े हमले

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2019 में हुए यूरोपीय संसद के चुनावों के बाद जर्मनी में नेताओं पर होने वाले हमलों की संख्या दोगुनी हो गई है. 2023 में अधिकारियों ने 2790 हमले दर्ज किए. सबसे अधिक हमले ग्रीन पार्टी के नेताओं पर हुए हैं. 2019 के बाद ग्रीन पार्टी पर होने वाले हमलों की संख्या सात गुना बढ़ कर 1219 हो गई है. दूसरे नंबर पर धुर दक्षिणपंथी एएफडी पार्टी है जिसके नेताओं पर 2019 के बाद 478 बार हमले हुए. वहीं एसपीडी पार्टी के नेताओं पर इस अवधि में 420 बार हमले हुए.

पिछले सालों में जर्मनी में राजनीतिज्ञों पर हमले लगातार बढ़े हैं. 2015 में जर्मनी शहर कोलोन में मेयर की उम्मीदवार हेनरिएटे रेकर पर जानलेवा हमला हुआ था जिसमें वह बाल बाल बची थीं. 2019 में क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक पार्टी के राजनीतिज्ञ वाल्टर ल्युब्के की एक उग्र दक्षिणपंथी ने हत्या कर दी थी.

आरआर/एमजे (डीपीए)