ड्रैगन ने CPEC के बहाने पाकिस्तान में चली है यह चाल, भारत-अमेरिका के लिए बढ़ा खतरा

चीन की पाकिस्तान में चल रही महत्वाकांक्षी योजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) भारत और अमेरिका के लिए किसी खतरे से कम नहीं है. दरअसल पाकिस्तान में अरबों रुपए का निवेश करना चीन की एक चाल है. चीन सीपीईसी की आड़ में पाकिस्तान में अपने सैन्य अजेंडे को आगे बढ़ा रहा है, इतना ही नहीं चीन और पाकिस्तान ने इसके लिए गुप्त तरीके से करार भी किया हुआ है.

इमरान खान और शी जिनपिंग (Photo Credits: Twitter)

बिजिंग: चीन (China) की पाकिस्तान (Pakistan) में चल रही महत्वाकांक्षी योजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) भारत और अमेरिका के लिए किसी खतरे से कम नहीं है. दरअसल पाकिस्तान में अरबों रुपए का निवेश करना चीन की एक चाल है. चीन सीपीईसी (CPEC) की आड़ में पाकिस्तान में अपने सैन्य अजेंडे को आगे बढ़ा रहा है, इतना ही नहीं चीन और पाकिस्तान ने इसके लिए गुप्त तरीके  से करार भी किया हुआ है.

ड्रैगन की चल का खुलासा अमेरिकी समाचार पत्र न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट माध्यम से की है. हाल ही में जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक चीन पेइचिंग तनाव की स्थिति में ग्वादर पोर्ट का इस्तेमाल भारत और अमेरिका के खिलाफ सैन्य और रणनीतिक उद्देश्यों के लिए कर सकता है.

चीन-पाक ने किया गुपचुप समझौता-

अग्रेजी समाचार पत्र ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा है कि पाकिस्तान और चीन ने एक गुपचुप समझौता भी किया है. जिसके तहत सीपीईसी के साथ एक स्पेशल इकनॉमिक जोन बनेगा जहां नई पीढ़ी के युद्धक विमान और सैन्य साजो-सामान बनाए जाएंगे. इसके लिए साल की शुरुआत में दोनों देशों ने एक गोपनीय प्रस्ताव पर चर्चा भी की.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकियों के खिलाफ पुख्ता कार्यवाही नहीं करने का आरोप लगाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान को सुरक्षा के नाम पर दी जाने अरबों डॉलर की सहायता राशि रोक दी थी. जिसके बाद से पाकिस्तान के लिए चीन एक बेहतर विकल्प बन गया और दोनों देश और करीब आ गए.

पाकिस्तान में पांव पसार रहा है चीन-

सीपीईसी प्रोजेक्ट चीन के सीक्यांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगा. 1 ट्रिलियन डॉलर की परियोजना बेल्ट ऐंड रोड के तहत बनाए जा रहे सीपीईसी के सहारे पाकिस्तान में अपने पांव जमा रहा है. चीन पाकिस्तान में पाइपलाइन, रेलवे समेत कई तरह के नेटवर्क में निवेश कर रहा है. चीन ने इस तरह के अपने 39 महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट बनाए हैं जिनमें से करीब 19 प्रोजेक्ट अब तक वह पेश कर चुका है. इसके लिए 2015 से अब तक चीन करीब 18.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का खर्चा कर चुका है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने चीन और इसके बैंकों से अबतक करीब 5 अरब डॉलर का कर्ज लें चुकी है. उसपर चढ़े कर्ज के लिए प्रतिदिन छह अरब रुपए का ब्याज भरना पड़ रहा है. इस वजह से पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी खाली होने के कगार पर पहुंच गया है. इस वजह से कई पाकिस्तानी नेता सीपीईसी प्रोजेक्ट का लगातार विरोध कर रहे है.

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