अफगानिस्तान को आतंकवादियों की पनाहगाह नहीं बनने देंगे: अमेरिका

अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शानाहान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के राष्ट्रपति अशरफ गनी को कहा है कि अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल कभी भी आतंकवादियों के पनाहगाह के तौर पर नहीं हो

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Photo Credit-IANS )

वाशिंगटन: अमेरिका (America) के कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शानाहान (Patrick Shanahan) ने अफगानिस्तान (Afghanistan)  के राष्ट्रपति अशरफ गनी को कहा है कि अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल कभी भी आतंकवादियों के पनाहगाह के तौर पर नहीं हो. तालिबान के साथ शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के इरादे से शानाहान युद्धग्रस्त देश की अचानक यात्रा पर गये थे. शानाहान ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में गनी से बात की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दक्षिण एशिया रणनीति पर अमल के माध्यम से अफगानिस्तान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी। ट्रंप ने पिछले साल अगस्त में अपनी दक्षिण एशिया रणनीति की शुरुआत की थी.

पेंटागन के प्रवक्ता कमांडर सीन रॉबर्टसन ने कहा, ‘‘नेताओं ने रक्षा मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। इसमें अमेरिका-अफगानिस्तान सुरक्षा संबंध का महत्व और युद्ध को लेकर राजनीतिक समझौते पर पहुंचना शामिल है ताकि यह सुनिश्चित हो कि अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल कभी भी आतंकवादियों की पनाहगाह के तौर पर तथा अमेरिका के खिलाफ आतंकवादी हमलों के लिये नहीं किया जा सके.’’बैठक के दौरान शानाहान ने अफगान और गठबंधन सेनाओं के बलिदान की प्रशंसा की और अपने देश की रक्षा के लिये लड़ाई का नेतृत्व कर रहे अफगान सेना के प्रति अमेरिकी समर्थन की एक बार फिर पुष्टि की. शानाहान सोमवार को अफगानिस्तान की अचानक यात्रा के लिये रवाना हुए थे। यह उनकी पहली अफगानिस्तान यात्रा है जहां अमेरिकी सेना पिछले 17 साल से मौजूद है. यह भी पढ़े:अमेरिका: डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान से 7,000 सैनिकों को वापस बुलाने की बना रहे है योजना

प्राप्त सूचना के अनुसार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अफगानिस्तान में 14,000 अमेरिकी सेना की संख्या में कटौती कर इसे तकरीबन आधी करना चाहते हैं और तालिबानी नेताओं ने शांति वार्ताओं में अमेरिकी सेना को वापस बुलाने का अहम शर्त रखा है. शानाहान ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि फिलहाल अमेरिकी सेना की संख्या में कटौती का उन्हें कोई आदेश नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की भूमिका अहम है लेकिन आखिरकार शांति तलाशना तो अफगानियों पर है. उन्होंने कहा, ‘‘अफगानों को यह फैसला करना होगा कि वे अफगानि

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