Chandrayaan-2 की चांद पर लैंडिंग: पीएम मोदी के साथ ओडिशा, झारखंड, मेघालय के छात्र बनेंगे इस ऐतिहासिक पल के गवाह, लखनऊ की बेटी को भी मिला इवेंट देखने का मौका

बेंगलुरू के इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर (ISRO) मुख्यालय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस ऐतिहासिक मौके को देखेंगे. खास बात यह है कि पीएम मोदी देश की इस कामयाबी को छात्रों के साथ देखेंगे, जो आने वाले भारत का भविष्य हैं. इस बच्चों का चयन खास तौर पर एक साइंस क्विज के माध्यम से किया गया है.

पीएम मोदी के साथ छात्र देखेंगे Chandrayaan-2 की चांद पर लैंडिंग (Photo Credits- Wikipedia and PTI)

चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) 7 सितंबर को चंद्रमा पर लैंड होगा. इस लैंडिंग के साथ ही देश एक नया इतिहास रच देगा. इस एतिहासिक लैंडिंग का गवाह पूरा देश बनेगा. इस दौरान बेंगलुरू के इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर (ISRO) मुख्यालय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस ऐतिहासिक मौके को देखेंगे. खास बात यह है कि पीएम मोदी देश की इस कामयाबी को छात्रों के साथ देखेंगे, जो आने वाले भारत का भविष्य हैं. इस बच्चों का चयन खास तौर पर एक साइंस क्विज के माध्यम से किया गया है. इन्हीं मेधावी में बच्चों में से एक है लखनऊ के दिल्ली पब्लिक स्कूल की 10वीं की छात्रा राशि वर्मा. राशि का चयन देश भर के उन मेधावी 60 बच्चों में हुआ है, जिन्हें साइंस की दुनिया से प्यार है. ये सभी बच्चे उस दिन पीएम मोदी के साथ चंद्रयान 2 की लैंडिंग देंखेंगे.

चयन के बाद खुद राशि वर्मा ने कहा कि उस बड़ी होकर आईएएस ऑफिसर बनना चाहती हैं. इस ऐतिहासिक पल की गवाह बनने से उन्हें काफी खुशी है. राशि कहती हैं कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करना चाहेंगीं. राशि की ही तरह ओडिशा, झारखंड और मेघालय सभी तीन छात्रों का चयन चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए हुआ है. उधर इसरों के अधिकारियों के अनुसार अभी तक उनके पास सभी 60 छात्रों की पूरी लिस्ट नहीं है, अभी ये लिस्ट तैयार की जा रही है.

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ऑनलाइन साइंस क्विज के जरिए छात्रों को मिला यह मौका

दरअसल 10 से 25 अगस्त तक एक ऑनलाइन साइंस क्विज आयोजित किया गया था. जिसमें भाग लेने वाले छात्रों को 10 मिनट के अंदर 20 सवालों का जवाब देना था. इसमें उत्तर प्रदेश से राशि वर्मा के अलावा एक अन्य स्कूल के आठवीं के छात्र का चयन हुआ है. इसी तरह पूरे देश से कुल 60 बच्चों का चयन किया गया है. ISRO के चेयरमैन ने कहा है की चंद्रयान 2 स्पेसक्राफ्ट की मून पर सॉफ्ट लैंडिंग बहुत बड़ा पल होने वाला है, क्योंकि ISRO ने ऐसा पहले कभी नहीं किया है. इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’चंद्र मिशन-2 का सबसे जटिल चरण है.

चंद्रयान-2 की पल-पल की स्थिति पर है इसरो की नजर 

शुक्रवार को इसरो (ISRO) ने कहा कि उसने 'चंद्रयान-2' (chandrayaan-2) को चांद की चौथी कक्षा में आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुक्रवार को सफलतापूर्वक पूरी की. इसरो ने इस प्रक्रिया के पूरी होने के बाद कहा कि अंतरिक्ष यान की सभी गतिविधियां सामान्य है. 'चंद्रयान-2' के बारे में अपडेट देते हुए इसरो ने बताया "चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान को चंद्रमा की चौथी कक्षा में आज (30 अगस्त, 2019) सफलतापूर्वक प्रवेश कराने का कार्य योजना के मुताबिक छह बजकर 18 मिनट पर शुरू किया गया. चंद्रमा की चौथी कक्षा में प्रवेश कराने की इस पूरी प्रक्रिया में 1,155 सेकेंड का समय लगा.

अब 1 सितंबर 2019 को शाम छह बजे से सात बजे के बीच चंद्रयान-2 को चंद्रमा की पांचवी कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा." ISRO ने कहा है की लैंडर 2 सितम्बर को ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और मून के आस-पास 100km X 30km में प्रवेश करेगा. इसके बाद 7 सितंबर 2019 को यह मून के साऊथ पोलर रीजन में सॉफ्ट लैंड करेगा. लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद इसके भीतर से 'प्रज्ञान' नाम का रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर अपने वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा.

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