Tik Tok यूजर्स के लिए राहत भरी खबर, मद्रास हाईकोर्ट ने हटाया ऐप से बैन

मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने टिक टॉक पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. जस्टिस एन किरुबाकरन (N Kirubakaran) और एसएस सुंदर (SS Sundar) की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए ऐप पर लगे बैन को हटा दिया है.

टिक टॉक सोशल मीडिया ऐप (Photo Credits: Wiki Commons)

भारत में चाइनीज ऐप टिक टॉक (Chinese App TikTok) का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स (Tik Tok Users) के लिए राहत की खबर है. ताजा जानकारी के अनुसार, मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने टिक टॉक पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. जस्टिस एन किरुबाकरन (N Kirubakaran) और एसएस सुंदर (SS Sundar) की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए ऐप पर लगे बैन को हटा दिया है. बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट ने 3 अप्रैल को टिक टॉक पर बैन लगाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने यह कहा था कि यह चीनी ऐप पोर्नोग्राफी को बढ़ावा देता है.

मद्रास हाईकोर्ट द्वारा इस ऐप पर बैन लगाने के आदेश के बाद भारत सरकार ने एप्पल (Apple) और गूगल (Google) को भारत में अपने प्ले स्टोर से यह ऐप हटाने को कहा, जिसके बाद से भारतीय यूजर्स इस ऐप को डाउनलोड नहीं कर पा रहे थे, लेकिन अब हाईकोर्ट द्वारा बैन हटाए जाने के बाद अब यूजर्स इस ऐप को फिर से डाउनलोड कर सकेंगे.

बताया जा रहा है कि भारत में टिक टॉक पर पाबंदी लगने के बाद इसे बनाने वाली चीनी कंपनी बाइटडांस टेक्नोलॉजी को हर दिन 5 लाख डॉलर यानी करीब 3.5 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है. न्यूज एजेंसी रायटर्स के अनुसार, इस कंपनी का कहना है कि भारत में इस ऐप पर रोक लगने के कारण उन्हें काफी नुकसान हो रहा है, जिसकी भरपाई के लिए कंपनी 250 कर्मचारियों की छंटनी पर विचार कर रही है. यह भी पढ़ें: TikTok App को अब यूजर्स नहीं कर सकेंगे डाउनलोड, Porn Videos पर रोक लगाने के लिए गूगल-प्ले और एप्पल ने किया डिलीट

दुनिया भर में टिक टॉक का इस्तेमाल करीब 1 अरब लोग करते हैं, जबकि भारत में करीब 3 करोड़ यूजर्स ने इस ऐप को डाउनलोड किया है. टिक टॉक छोटे-छोटे वीडियों को शेयर करने वाले मशहूर प्लैटफॉर्म में से एक है, जो अपने यूजर्स को वीडियो बनाने के लिए स्पेशल इफेक्ट्स की सुविधा मुहैया कराता है.

गौरतलब है कि इस ऐप पर अश्लील वीडियोज की भरमार होने के चलते ही मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने केंद्र सरकार को टिक टॉक डाइनलोड करने पर बैन लगाने का निर्देश दिया था. इसके बाद भारत सरकार ने गूगल और एप्पल से कहा था कि वो अपने प्लैटफॉर्म से इस एप्लिकेशन को हटा लें.

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