फेसबुक और गूगल पर आतंकी प्रोपेगेंडा और चाइल्ड पोर्न जैसी सामग्री को ब्लॉक करने के लिए बढ़ा दबाव

प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों फेसबुक और गूगल पर सोमवार को यूरोप में उस समय दबाव बढ़ गया जब देशों ने सख्त नियमों का प्रस्ताव दिया ताकि इन इंटरनेट कंपनियों को आतंकवादी प्रोपैगैंडा और चाइल्ड पोर्न जैसी सामग्री ब्लॉक करने के लिए विवश किया जा सके....

फेसबुक और गूगल (Photo Credit- Wikimedia Commons)

लंदन: प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों फेसबुक (Facebook) और गूगल (Google) पर सोमवार को यूरोप में उस समय दबाव बढ़ गया जब देशों ने सख्त नियमों का प्रस्ताव दिया ताकि इन इंटरनेट कंपनियों को आतंकवादी प्रोपैगैंडा (Terrorist Propaganda)और चाइल्ड पोर्न जैसी सामग्री ब्लॉक करने के लिए विवश किया जा सके. ब्रिटेन ने सोशल मीडिया के लिए अपनी तरह की पहली निगरानी संस्था बनाने का आह्वान किया जो अधिकारियों पर जुर्माना लगा सके और यहां तक कि कंपनियों पर प्रतिबंध लगा सके.

यूरोपीय संघ संसदीय समिति ने एक विधेयक को मंजूरी दे दी जिससे इंटरनेट कंपनियों को आतंकवाद से जुड़ी सामग्री हटाने या जुर्माने का सामना करने का प्रावधान है. इन पर अरबों डॉलर/पाउंड तक का जुर्माना लग सकता है. ब्रिटेन के गृह सचिव साजिद जावेद ने कहा, ‘‘हम इन कंपनियों को हमेशा के लिए अपने काम को ठीक करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.’’ ऑस्ट्रेलिया ने गत सप्ताह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स द्वारा ‘‘वीभत्स हिंसक सामग्री’’ तुरंत नहीं हटाए जाने को अपराध बना दिया.

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ब्रिटिश योजना से फेसबुक और टि्वटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों को इन साइटों का इस्तेमाल करने वाले लोगों को ‘‘हानिकारक सामग्री’’ से बचाने की जरुरत होगी. दूसरी ओर, कनाडा सरकार ने सोमवार को फेसबुक के कट्टर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की प्रशंसा की. न्यूजीलैंड हमले के बाद फेसबुक ने नफरत फैलाने वाले समूहों की जांच के लिए नए कदम उठाए हैं.

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