Tokyo Olympics 2020: सुपर हेवीवेट सतीश क्वार्टर फाइनल में पहुंचे, विश्व चैम्पियन से भिड़ेंगे

भारत के सुपर हेवीवेट मुक्केबाज सतीश कुमार प्लस 91 किलोग्राम भार वर्ग के अंतिम-16 दौर के मुकाबले में गुरुवार को जमैका के रिकाडरे ब्राउन को हराकर यहां जारी टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए. क्वार्टर फाइनल में सतीश का मुकाबला रविवार को उज्बेकिस्तान के मौजूदा विश्व चैंपियन बाखूदीर जालोलोव से होगा.

टोक्यो ओलंपिक (Image Credits: Instagram)

टोक्यो, 29 जुलाई : भारत के सुपर हेवीवेट मुक्केबाज सतीश कुमार प्लस 91 किलोग्राम भार वर्ग के अंतिम-16 दौर के मुकाबले में गुरुवार को जमैका के रिकाडरे ब्राउन को हराकर यहां जारी टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए. क्वार्टर फाइनल में सतीश का मुकाबला रविवार को उज्बेकिस्तान के मौजूदा विश्व चैंपियन बाखूदीर जालोलोव से होगा. सतीश ने प्लस 91 किलोग्राम भार वर्ग के अंतिम-16 दौर के मुकाबले में ब्राउन को 4-1 से हराया. 32 साल की उम्र में ओलंपिक में पदार्पण करते हुए सतीश ने रायोगोकू कोकूगिकान एरेना में स्प्लिट डिसिजन के फैसले के साथ ये सुपर हैवीवेट मुकाबला अपने नाम किया.

शुरूआती दौर में दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली, जहां ब्राउन ने आक्रमण से बचने के लिए लगातार भारतीय मुक्केबाज से दूरी बनाने की कोशिश की. दूसरी ओर सतीश जमैका के मुक्केबाज के मुक्कों से बचने में सफल रहे. यह भारतीय अपने बेहतर खेल की बदौलत सभी पांच जजों को प्रभावित करने में सफल रहा, और उन्होंने सभी जजों से 10 अंक हासिल किए. ब्राउन का भी ये ओलंपिक पदार्पण का मैच था, जहां वो शुरूआत से ही आक्रामक बने रहे, लेकिन सतीश को ज्यादा परेशान नहीं कर पाए. भारतीय मुक्केबाज ने शानदार बचाव किया और समय पर हुक और जैब्स लगाए. यह भी पढ़ें : Tokyo Olympics 2020: टीम इंडिया के मुख्य कोच Ravi Shastri ने Simone Biles को दिया खास मैसेज

हालांकि, सतीश की दाहिनी आंख के ऊपर हल्का सा कट लगा और उन्हें तुरंत मेडिकल की मदद मिली. जैसे जैसे मुकाबला अंतिम दौर में पहुंचा, तो दोनों सुपर हैवीवेट मुक्केबाज थकान के कारण थोड़े धीमे हो गए. पहले दो राउंड जीतने के बाद सतीश ने तीसरे राउंड में अपनी रक्षात्मक रणनीति जारी रखी. हालांकि, इस राउंड में ब्राउन ने बेहतर प्रदर्शन किया था. उन्होंने भारतीय मुक्केबाज को बाएं हुक और बॉडी पंच के साथ कई बार टारगेट किया था. हालांकि, ये जमैका के लिए काफी नहीं था और एशियन चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता सतीश ने जीत के साथ रिंग से बाहर कदम रखा.

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