Women's T20 World Cup 2024: ऑस्ट्रेलिया की कप्तान एलिसा हिली का बड़ा बयान, कहा- मौजूदा हालात में बांग्लादेश में अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट का आयोजन करना गलत

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा है कि बांग्लादेश में आगामी टी20 विश्व कप का आयोजन करना 'गलत फैसला' हो सकता है. बांग्लादेश में हाल ही में सरकार विरोधी आंदोलन हुए थे. फिलहाल हिंसा जारी है. लोगों से उनके जरूरी संसाधन छीन लिए गए हैं. यह सोचना भी कठिन लग रहा है कि वहां एक वैश्विक टूर्नामेंट का आयोजन सही फैसला होगा.

Alyssa Healy (Photo: @cricketcomau)

नई दिल्ली: महिला टी20 विश्व कप 2024 का आयोजन बांग्लादेश में होना है. लेकिन, वहां राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसा का दौर जारी है. प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और पलायन के बाद वहां की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे दहला देने वाली हैं. इस समय बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है. जून से शुरू हुई हिंसा और अराजकता के कारण महिला टी20 विश्व कप का आयोजन खतरे में है.

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड इस मेगा आईसीसी टूर्नामेंट के आयोजन को लेकर तनाव में है. उसने सेना प्रमुख से मदद की गुहार लगाई है. इस बीच ऑस्ट्रेलिया की कप्तान एलिसा हिली ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी. Women's T20 World Cup 2024: महिला टी20 विश्व कप को लेकर बड़ा अपडेट! संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित करने के फिराक में आईसीसी

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा है कि बांग्लादेश में आगामी टी20 विश्व कप का आयोजन करना 'गलत फैसला' हो सकता है. बांग्लादेश में हाल ही में सरकार विरोधी आंदोलन हुए थे. फिलहाल हिंसा जारी है. लोगों से उनके जरूरी संसाधन छीन लिए गए हैं. यह सोचना भी कठिन लग रहा है कि वहां एक वैश्विक टूर्नामेंट का आयोजन सही फैसला होगा. वहां फिलहाल उन लोगों की ज़रूरत है, जो संघर्ष कर रहे लोगों की मदद कर सकें.

उन्होंने कहा, "इस समय मुझे ऐसा लग रहा है कि एक इंसान के रूप में वहां खेलना या इस टूर्नामेंट का आयोजन करना गलत होगा. हालांकि अंतिम फैसला आईसीसी का होगा."

बांग्लादेश में हुए इन आंदोलनों के कारण आईसीसी को महिला टी20 विश्व कप के आयोजन स्थल के बारे में विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. पहले भारत, श्रीलंका और यूएई को वैकल्पिक वेन्यू के रूप में चुना गया था. हालांकि, बीसीसीआई ने ख़ुद को अलग कर लिया है. श्रीलंका को भी मौसम और अन्य कारणों से अलग कर दिया गया है. ऐसे में यूएई को एक वैकल्पिक वेन्यू के रूप में देखा जाने लगा है. वहीं, ज़िम्बाब्वे ने भी इस टूर्नामेंट के आयोजन में अपनी रुचि दिखाई है. आईसीसी ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

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