Bajrang Punia: दिल्ली की अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले में बजरंग पुनिया को एक दिन के लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट दी
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को पहलवान बजरंग पुनिया को खेल कोच नरेश दहिया द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि शिकायत में एक दिन के लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी.
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को पहलवान बजरंग पुनिया को खेल कोच नरेश दहिया द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि शिकायत में एक दिन के लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी. ICC ODI Rankings: पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम वनडे रैंकिंग में टॉप पर कायम, शुभमन गिल और ईशान किशन ने लगाई लंबी छलांग; यहां जानें अन्य खिलाड़ियों का हाल
दहिया ने आरोप लगाया है कि भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ महिला पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान 10 मई को जंतर-मंतर पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पुनिया ने अन्य पहलवानों/व्यक्तियों के साथ मिलकर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी.
पुनिया के वकील ने चिकित्सा के आधार पर राहत मांगी, जिसे पटियाला हाउस कोर्ट के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट यशदीप चहल ने मंजूर कर लिया. पुनिया के वकील ने दावा किया कि उनका मुवक्किल उस दिन अदालत में पेश नहीं हो सकेगा, क्योंकि वह बुखार से पीड़ित है. इसके बाद अदालत ने मामले को 14 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया.
चहल ने 3 अगस्त को इस मामले में पुनिया को बुधवार को तलब किया था, उन्होंने कहा था कि उनका प्रथम दृष्टया विचार है कि मानहानि के सभी तत्व सामने आए हैं. सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा था कि समन के चरण में यह काफी हद तक तय हो गया था कि अदालत को आरोपी द्वारा किए जा सकने वाले संभावित बचाव के तुलनात्मक विश्लेषण में जाने की जरूरत नहीं है.
मजिस्ट्रेट ने कहा था, "शिकायत, सहायक दस्तावेजों और सम्मन पूर्व साक्ष्यों पर विचार करने पर, मेरा प्रथम दृष्टया विचार है कि मानहानि के सभी तत्व बनते हैं."
उन्होंने कहा था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया गया बयान दुर्भावनापूर्ण इरादे का नतीजा लगता है और अच्छे इरादे से नहीं दिया गया है. मजिस्ट्रेट ने कहा था, "उसी के मद्देनजर आरोपी बजरंग पुनिया को आईपीसी की धारा 499 के साथ धारा 500 (दोनों आपराधिक मानहानि से संबंधित) के साथ दंडनीय अपराध के लिए बुलाया जाए."