जकार्ता: एशियाई खेलों के 18वें संस्करण का नौवां दिन सोमवार भारतीय मुक्काबजों के लिए अच्छा रहा. इस दिन कुल चार मुक्केबाज रिंग में उतरे. इनमें से तीन मुक्केबाजों ने क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की कर ली है. मोहम्मद हुसामुद्दीन ही अपना प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबला हारकर बाहर हुए जबकि विकास कृष्ण, अमित पंघल और धीरज ने अगले दौर में जगह बनाई.
पहले मुकाबले में विकास कृष्ण ने पुरुषों की 75 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में पाकिस्तान के तनवीर अहमद को 5-0 से करारी शिकस्त दी. पिछले एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता विकास मुकाबले में पूरी तरह से हावी थे और इसी कारण सभी जजों ने फैसला विकास के हक में दिया.
पहले और दूसरे राउंड में भी विकास धैर्य के साथ खेले. विकास को मौके ज्यादा मिले और उन्होंने बेहतरीन फुटवर्क से डिफेंस किया तथा मौका पाते ही अपने जैब तथा हुक का इस्तेमाल करते हुए अंक बटोरे. तीसरे राउंड में भी तनवीर उनके सामने टिक नहीं पाए.
अमित पंघल ने 49 किलोग्राम भारवर्ग में मंगोलिया के खारखु इंखमानदाख को 5-0 से मात देकर अगले दौर में जगह बनाई. अमित पहले राउंड के शुरूआती पलों में ही कुछ कमजोर दिखे, लेकिन इसके बाद वह हमेशा मंगोलियाई खिलाड़ी पर हावी रहे.
दूसरे राउंड में अमित ने अच्छा डिफेंस किया और काउंटर पर खेलने की रणनीति अपनाई. तीसरे राउंड में भी अमित का दबदबा रहा. यहां अमित ने मंगोलियाई खिलाड़ी के चेहरे पर कुछ अच्छे पंच बरसाए. अमित के एकतरफा खेल को देखते हुए सभी जजों ने उनके हित में फैसला किया.
दूसरी ओर, मोहम्मद हुसामुद्दीन को 56 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में मंगोलिया के मुक्केबाज एंख अमर खारखु ने कड़े मुकाबले में 3-2 से मात दी.
हुसामुद्दीन पहले दौर में बिल्कुल भी प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाए और दबाव में रहे. ज्यादा आक्रामकत के कारण उन्होंने गलतियां की जिसका फायदा मंगोलियाई खिलाड़ी ने उठाया.
दूसरे दौर में जरूर भारतीय मुक्केबाज ने अच्छा प्रदर्शन किया और कुछ अच्छे पंच लगाए, लेकिन मंगोलियाई मुक्केबाज ने भी जमकर मुकाबला किया. तीसरे राउंड में भी हुसामुद्दीन ने आक्रामकता दिखाई और सटीक पंच लगाए, लेकिन अमर का बेहतरीन डिफेंस और काउंटर अटैक भारतीय खिलाड़ी पर हावी पड़ा.
धीरज ने 64 किलोग्राम भारवर्ग में कजाकिस्तान के कोबाशेव नुरलान को मात दी। धीरज ने नुरलान को 3-0 से शिकस्त दी।
मुकाबला इतना कड़ा हुआ कि दो जजों ने दोनों खिलाड़ियों को बराबर अंक दिए इसलिए फैसला तीन जजों द्वारा दिए गए अंकों पर लिया गया.