नेपाल के शमंस प्रजाति के लोग अपने ढोल बजाते हुए "ध्यानग्रो" जनई पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मंदिर तक ऊपर और नीचे चक्कर लगाते हैं, जिसे धागों का त्योहार भी कहा जाता है. इस दिन वे पारंपरिक धार्मिक पोशाक पहनकर, शमंस भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिन्हें शैमनवाद का प्रमुख माना जाता है. विभिन्न किंवदंतियों के अनुसार, भगवान शिव जिनकी विभिन्न रूपों में पूजा की जाती रही है, वे एक जादूगर थे और समय के साथ विभिन्न पीढ़ियों को अपनी विरासत दे रहे हैं.शमंस जनई पूर्णिमा के दिन को अपनी वार्षिक कमाई का एक चौथाई हिस्सा प्रकृति को अर्पित करने के दिन के रूप में मानाते हैं और आने वाले वर्षों में भगवन से और समृद्धि की कामना करते हैं.
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#WATCH | Nepal: Shamans beating their drums "Dhyangro" march up and down to the Lord Shiva temple on the occasion of Janai Purnima, also known as the festival of threads (22.08) pic.twitter.com/Bwu95lNNjO
— ANI (@ANI) August 22, 2021
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