Penetrative Sexual Assault and No Injury On Private Part: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने रेप के एक मामले में अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के प्राइवेट पार्ट पर चोटों का न होना यह मानने का आधार नहीं हो सकता कि यौन उत्पीड़न नहीं हुआ. दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट में जून 2017 में साढ़े चार साल की बच्ची के साथ बलात्कार मामले में आरोपी के खिलाफ सुनाये गए फैसले को चुनौती दी गई थी. जिस कोर्ट के जज अमित बंसल ने आरोपी की सजा को बरकरार रखते हुए यह टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि वह व्यक्ति, जो नाबालिग का पड़ोसी था. उसके द्वारा किये गए अपराध के इस आधार पर रिहा नहीं किया जा सकता है.

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