Viral Video: हादसे में हाथ गंवाने वाले विक्रम अग्निहोत्री पैर से करते हैं ड्राइविंग, आनंद महिंद्रा हुए मुरीद, तारीफ करते हुए कही ये बात
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर विवेक अग्निहोत्री के वीडियो को पोस्ट कर कैप्शन लिखा है- यह हमारे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात होगी कि यह शख्स हमारी कार चलाएगा. विक्रम, मैं आपको नमन करता हूं. आप वही हैं जिसे हम राइज स्टोरी कहते हैं. हमें कृतज्ञता के साथ जीवन को अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद…
Vikram Agnihotri Viral Video: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) निवासी विक्रम अग्निहोत्री (Vikram Agnihotri) एक बुलंद हौसले का नाम है, क्योंकि उन्होंने दुनिया को दिखा दिया है कि हाथों के बिना भी सामान्य जीवन जिया जा सकता है. दोनों हाथ न होने के बावजूद भी वो अपने पैरों से कार चलाते हैं. वो देश के पहले ऐसे दिव्यांग हैं, जिन्हें ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) मिला है. दोनों हाथों को हादसे में गंवाने वाले विक्रम अग्निहोत्री लोकसभा-विधानसभा चुनाव में पैर से वोट डालते हैं और पैरों से ही एक सामान्य जिम्मेदार नागरिक की तरह कार भी चलाते हैं. दुनिया भर के दिव्यांगों को प्रेरित करने वाले विक्रम अग्निहोत्री के उद्योगपति आनंद महिंद्रा (Businessman Anand Mahindra) मुरीद हो गए हैं और वो चाहते हैं कि विक्रम उनकी कार चलाएं.
दरअसल, उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्विटर पर विवेक अग्निहोत्री के वीडियो को पोस्ट कर कैप्शन लिखा है- यह हमारे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात होगी अगर यह शख्स हमारी कार चलाएगा. विक्रम, मैं आपको नमन करता हूं. आप वही हैं जिसे हम राइज स्टोरी कहते हैं. हमें कृतज्ञता के साथ जीवन को अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद… शेयर किए जाने के बाद से अब तक इस वीडियो को 27k व्यूज मिल चुके हैं. यह भी पढ़ें: IN10 Media का Showbox बना देश का नंबर 1 म्यूजिक चैनल, Anand Mahindra ने ट्वीट करके दी बधाई
देखें वीडियो-
बताया जाता है कि महज सात साल की उम्र में बिजली का करंट लगने के कारण वो अपने दोनों हाथ गंवा बैठे, बावजूद इसके उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. अपने कामों के लिए किसी पर निर्भर न होने की आदत ने ही उन्हें गाड़ी चलाने के लिए प्रेरित किया. हालांकि कार सीखने से ज्यादा उन्हें लाइसेंस बनवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
आखिरकार ड्राइविंग के तमाम पैमानों पर खरा उतरने के बाद उन्हें देश का पहला पैर से कार चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस मिला. विक्रम कमाल की ड्राइविंग ही नहीं करते, बल्कि ड्राइविंग के अलावा हाथ नहीं होने के बाद भी उन्हें स्विमिंग और फुटबॉल खेलने के शौकीन हैं, वो अपने कंधों के सहारे शेविंग और पैरों की मदद से टाइपिंग करते हैं. यहां तक कि वो अपने स्मार्टफोन को नाक से ऑपरेट करते हैं.