ऑपरेशन के दौरान पुरुष के पेट से निकला यह फीमेल बॉडी पार्ट, जिसे देख डॉक्टर भी रह गए दंग
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में रहने वाले एक 50 वर्षीय शख्स को कई दिनों से पेट दर्द की शिकायत थी, जिसके लिए उसने ऑपरेशन कराया तो उसके पेट से एक ऐसा फीमेल बॉडी पार्ट निकला जिसे देख डॉक्टर भी दंग रह गए.
ये विज्ञान (Science) की ही देन है कि आज लोग जेंडर चेंज करवा कर अपनी इच्छा से लड़की या लड़का बन सकते हैं. जी हां. विज्ञान की उपलब्धियों ने कई नामुमकिन चीजों को भी मुमकिन बना दिया है. विज्ञान की तरक्की ने गंभीर से गंभीर बीमारियों (Diseases) का इलाज आसान बना दिया है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी घटना से रूबरू कराने जा रहे हैं जिस पर यकीन करना बेहद मुश्किल है. दरअसल, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हरदोई जिले (Hardoi) में रहने वाले एक 50 वर्षीय शख्स को कई दिनों से पेट दर्द की शिकायत थी, जिसके लिए उसने ऑपरेशन कराया तो उसके पेट से एक ऐसा फीमेल बॉडी पार्ट (Female body Part) निकला जिसे देख डॉक्टर भी दंग रह गए.
बताया जा रहा है कि 50 वर्षीय शरीफ अली (Sharif Ali) नाम के एक शख्स को पेट में अक्सर दर्द होता था. हालांकि उसने पेट दर्द से राहत पाने के लिए दवाइयों का सेवन भी किया. कभी-कभी उसे दवा लेने के बाद दर्द से आराम तो मिल जाता, लेकिन फिर कुछ देर बाद दर्द वापस शुरु हो जाता.
जब इस शख्स का दर्द असहनीय तरीके से बढ़ने लगा तो उसे लगा कि हर्निया की परेशानी के चलते ही उसे पेट में दर्द होता है. अपनी इस समस्या के समाधान के लिए वो अपना इलाज कराने एक निजी अस्पताल में पहुंचा. जहां डॉक्टरों ने उसके दर्द की असली वजह जानने के लिए कुछ टेस्ट किए. इस टेस्ट के दौरान उन्हें जो नजर आया वो वाकई हैरान करने वाला था. यह भी पढ़ें: ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट में से निकले चाभियां, सिक्के और ब्लेड जैसी 38 धातुएं, डॉक्टर भी देखकर रह गए हैरान
बताया जा रहा है कि डॉक्टरों ने जब इस शख्स के पेट का अल्ट्रासाउंड कराया तो उन्हें मरीज के पेट में महिला का प्रजनन अंग यानी गर्भाशय दिखाई दिया. जिसके बाद डॉक्टरों ने इस शख्स का ऑपरेशन किया और उसके पेट में मौजूद गर्भाशय को बाहर निकाला. डॉक्टरों की मानें तो उन्होंने इस तरह का मामला पहली बार देखा है.
गौरतलब है कि हर्निया के ऑपरेशन के लिए अस्पताल पहुंचे इस शख्स के पेट में महिलाओं की बच्चेदानी और टेस्टिस दिखाई दिए. डॉक्टरों का कहना है कि इसे पर्सिस्टेंट म्युलरियन डक्ट सिंड्रोम कहते हैं. यह एक रेयर बीमारी है जो बहुत ही कम लोगों को होती है. बता दें कि इससे पहले साल 1939 में इस तरह का रेयर केस सामने आया था.