Fact Check: क्या अब मदरसों में भी होगी गीता और रामायण की पढ़ाई? जानिए पूरा सच
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रीय विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने मदरसा (Madrassas) में पढ़ने वाले बच्चों के लिए गीता और रामायण का कोर्स तैयार कर लिया है.
नई दिल्ली: कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रीय विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने मदरसा (Madrassas) में पढ़ने वाले बच्चों के लिए गीता और रामायण का कोर्स तैयार कर लिया है. इसे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बनाया गया है. हालांकि यह दावा बिल्कुल गलत है और एनआईओएस ने ऐसा कोई कोर्स तैयार नहीं किया है. सरकार ने कहा कि सच्चाई को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. Indian Oil Sold Out! क्या मोदी सरकार ने अडानी ग्रुप को बेच दिया इंडियन ऑयल? जानें पूरा सच
शिक्षा मंत्रालय ने इस पर एक स्पष्टीकरण जारी किया है. अधिकारिक बयान में कहा गया है कि टाइम्स ऑफ इंडिया में बुधवार (3 मार्च) को "एनआईओएस टू टेक गीता, रामायण टू मदरसाज" शीर्षक से प्रकाशित समाचार गलत है. शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस समाचार में तथ्यों के साथ खिलवाड़ किया गया है, यह वास्तविकता से परे है और इसके पीछे दुर्भावनापूर्ण इरादा नजर आता है.
बयान में आगे कहा गया है “यहां पर स्पष्ट किया जाता है कि एनआईओएस मदरसों को एसपीक्यूईएम (मदरसों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान) के तहत मान्यता देता है. इस प्रावधान के अंतर्गत छात्रों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली के विपरीत निश्चित विषय संयोजन की बंदिशों के बिना विभिन्न विषयों की पेशकश की जाती . एनआईओएस द्वारा उपलब्ध कराए गए विषयों में से विषय संयोजन का चयन करना छात्र के विवेक पर निर्भर है.
लगभग 100 मदरसों को एनआईओएस से मान्यता मिली हुई है, जिनमें 50,000 छात्र पढ़ते हैं. इसके अलावा, एनआईओएस की निकट भविष्य में लगभग 500 और मदरसों को मान्यता देने की योजना है. ऐसा पूरी तरह से मदरसों की मांग के आधार पर ही किया जाएगा.
Fact check
देश के मदरसों में गीता और रामायण पढ़ाई जाएगी.
सरकार ने कहा कि तथ्यों के साथ खिलवाड़ किया गया है, यह वास्तविकता से परे है.