Aurat March on Women's Day 2020: शाहीन बाग का समर्थन करने वाला पाकिस्तान अपनी ही महिलाओं के मार्च से खफा, सोशल मीडिया पर लोग कर रहे हैं बेतुके कमेंट्स
पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2020) को 'औरत मार्च' (Aurat March) देखने को मिलेगा. इसे 'हम औरतें' बैनर के तहत पुरुष प्रधान समाज के विरोध में आयोजित किया जा रहा है.
पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2020) को 'औरत मार्च' (Aurat March) देखने को मिलेगा. इसे 'हम औरतें' बैनर के तहत पुरुष प्रधान समाज के विरोध में आयोजित किया जा रहा है. कराची की दो फेमिनिस्ट ग्रुप ने महिला दिवस पर यह मोर्चा निकालने का फैसला लिया है. ये मार्च पाकिस्तान के लाहौर, इस्लामाबाद, कराची, पेशावर में निकाला जाएगा. इसी बीच ट्विटर पर लोगों ने #AuratMarch, #AuratMarch2020 and #AuratMarchLahore जैसे हैशटैग के साथ तस्वीरें शेयर करना शुरू कर दिया है, जिसमें पाकिस्तानी औरतों के हाथ में बैनर और स्लोगन है.
'औरत मार्च' में घरों, ऑफिसों और पब्लिक प्लेस में औरतों के सम्मान और न्याय की मांग की जाती है. हालांकि जो औरतों अपने हक की लड़ाई लड़ती हैं, उन्हें पाकिस्तान में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. उनपर आरोप लगाया जाता है कि वो पश्चिमी सभ्यता के चपेट में आकर देश की संस्कृति नष्ट कर रही हैं. पाकिस्तान के कई न्यूज चैनल, टॉक शो और डिबेट शो में भी औरत मार्च के विरोध में बात की जाती है.
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इस मोर्चे के खिलाफ दाखिल हुई याचिका के बाद 6 महिला कार्यकर्ताओं ने सोमवार को लाहौर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मंगलवार को कराची प्रेस क्लब में हुए प्रेस कॉन्फेंस में महिलाओं, ट्रांसजेंडर ने अपने हक की बात की और कहा कि समाज में जैसे उनलोगों के साथ बर्ताव होता है, उसे बदलना चाहिए.
रिटायर्ड जस्टिस माजिद रिज़वी ने कहा- '' हम सिर्फ महिलाओं का संघर्ष दिखाने के लिए ही मोर्चा नहीं निकालते हैं. औरत मार्च महिलाओं, ट्रांसजेंडर को एकजुट करने की कोशिश करता है. '' पाकिस्तान के ज्यूडिसियल एक्टिविजम काउंसिल के चेयरमैन अजहर सिद्दिकी ने '' महिलाएं हमारे समाज का चेहरा हैं. लेकिन वो मेरा जिस्म, मेरी मर्जी जैसे नारे लगाती हैं. दुनिया हमारे बारे में सोचती है कि हम औरतों को दबाते हैं. ''