Diwali 2021: माता लक्ष्मी आमंत्रित करने के लिए अपने घर को इस तरह करें अलंकृत!

दीपावली का पर्व मुख्य रूप से धन, ऐश्वर्य, वैभव एवं समृधि की देवी माता लक्ष्मी, और प्रथम पूज्य एवं शुभता के प्रतीक भगवान श्री गणेश की पूजा का पर्व है. लक्ष्मी जी के संदर्भ में यह मान्यता है कि वह स्वच्छ, शांत एवं अलंकृत घरों में ही वे प्रवेश करती हैं.

दिवाली 2021 (Photo Credits: File Image)

दीपावली का पर्व मुख्य रूप से धन, ऐश्वर्य, वैभव एवं समृधि की देवी माता लक्ष्मी, और प्रथम पूज्य एवं शुभता के प्रतीक भगवान श्री गणेश की पूजा का पर्व है. लक्ष्मी जी के संदर्भ में यह मान्यता है कि वह स्वच्छ, शांत एवं अलंकृत घरों में ही वे प्रवेश करती हैं. अगर आपने अपने घर की अच्छी तरह सफाई कर ली है तो दीपावली की रात शुभ मुहूर्त पर माता लक्ष्मी की पूजा शुरु करने से पूर्व अपने घर को इस तरह अलंकृत करें, ताकि लक्ष्मी आपके घर प्रवेश करें और आप पर सदा सुख, शांति एवं समृद्धि की बारीश हो.

रोली से बनाएं स्वास्तिक

घर के मुख्यद्वार पर स्वास्तिक का चिह्न अवश्य बनाएं. बेहतर होगा अगर ये स्वास्तिक के निशान रोली से बनाएं, और उस पर अक्षत छिड़ककर बीच में प्रज्जवलित दीप रखें. मान्यता है कि ऐसा करने से घर की नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और बाहर से ऐसी शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पातीं.

रंगोली अवश्य बनाएं

हिंदू धर्म में दीपावली साल का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. इस दिन हर घरों में लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के मुख्यद्वार पर रंगों की रंगोली बनाई जाती है. क्योंकि मान्यता है कि देवी लक्ष्मी को रंग बहुत प्रिय होते हैं, लेकिन रंगोली बनाते समय उसमें लाल एवं पीले रंगों का उपयोग प्रमुखता से करें. रंगबिरंगे फूलों से भी खूबसूरत रंगोली सजाई जा सकती है.

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अलंकृत कलश रखें

दीपावली की रात तांबे के दो कलश में जल भरें, और इसके एक तरफ स्वास्तिक का चिह्न बनाएं. इस पर आम्र पल्लव रखकर ऊपर से मिट्टी का दीया रखें. दीया में चावल रखकर इसके ऊपर एक छोटा मिट्टी का दीया प्रज्जवलित करें. एक अलंकृत कलश लक्ष्मी जी के पूजा स्थल पर और दूसरा कलश घर के बाहर रंगोली के ऊपर रखें.

चांदी का स्वास्तिक

स्वास्तिक का आशय है शुभ, मंगल और कल्याण करनेवाला. दीवाली के दिन माता लक्ष्मी का पूजन शुरु करने से पहले घर के मुख्यद्वार पर स्वास्तिक बनाई जाती है. यह शुभता का प्रतीक होने के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा देने वाला माना गया है. चूंकि चांदी सबसे शुद्ध धातुओं में गिना जाता है. इसलिए अगर दीवाली के दिन चांदी का स्वास्तिक बनवाकर घर के मुख्य द्वार पर (बाहर की ओर) स्थापित किया जाये तो इसका ज्यादा असर करता है.

कमल पुष्प

देवी लक्ष्मी का प्रिय पुष्प है कमल. इनकी पूजा के लिए कमल-पुष्प सबसे आवश्यक माना जाता है. यह फूल हमें बताता है कि किस तरह कीचड़ में खिलकर भी यह सबके आकर्षण का केंद्र होता है. यही आदर्श मनुष्यों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए. व‌िष्‍णु पुराण में उल्लेखित है कि जिस  व्यक्ति की बुद्ध‌ि न‌िर्मल एवं शुद्ध रहती है, उस पर देवी लक्ष्मी की कृपा अवश्य बरसती है, और उस पर देवी लक्ष्मी की कृपा से घर में बुरी शक्त‌ियां प्रवेश नहीं कर पातीं.

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