विटामिन डी की कमी होने पर शरीर में दिखाई देते हैं ये लक्षण, इन चीजों को करें अपने डायट में शामिल
विटामिन डी हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ शरीर में कैल्शियम के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद करता है. यह शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और दूसरे विटामिन्स को भी सक्रिय करने का काम करता है.
कैल्शियम (Calcium) को हड्डियों (Bones) के लिए बेहद जरूरी माना जाता है, लेकिन विटामिन डी (Vitamin D) हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ शरीर में कैल्शियम के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद करता है. यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक (Immunity) क्षमता को बढ़ाता है और दूसरे विटामिन्स को भी सक्रिय करने का काम करता है. स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए शरीर में विटामिन डी की संतुलित मात्रा का होना बेहद आवश्यक है, क्योंकि इसकी कमी से कई बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है. हालांकि इसकी कमी के लक्षण (Symptoms) एकदम से उभर कर सामने नहीं आते हैं.
आपके शरीर में विटामिन डी की कमी तो नहीं है. यह जानने के लिए आपको नियमित तौर पर जांच कराना चाहिए और इसकी कमी होने पर विटामिन डी सप्लीमेंट और विटामिन डी युक्त आहार लेना चाहिए. चलिए हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे लक्षण जो विटामिन डी की कमी के कारण शरीर में दिखाई दे सकते हैं.
विटामिन डी की कमी के लक्षण-
- हड्डियों में दर्द.
- मांसपेशियों में कमजोरी.
- थकान और शारीरिक कमजोरी.
- सुस्ती और नींद की अधिकता.
- डिप्रेशन जैसा महसूस होना.
- सिर से ज्यादा पसीना आना.
- सांस लेने में परेशानी.
- बार-बार इंफेक्शन होना. यह भी पढ़ें: रोजाना सुबह की हल्की धूप में बिताएं कुछ पल, कोसों दूर भाग जाएंगी ये बीमारियां
हो सकती हैं ये बीमारियां-
विटामिन डी की कमी के कारण आपको कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.
हड्डियों का कमजोर होना
विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और उनके टूटने की आंशका बढ़ जाती है. इसकी कमी से ऊर्जा स्तर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
त्वचा का रंग गहरा होना
शरीर में विटामिन डी की कमी के कारण त्वचा का रंग गहरा हो सकता है. दरअसल, मिलेनन की अधिकता होने के कारण धूप लगने पर त्वचा में विटामिन डी का निर्माण सही तरीके से नहीं हो पाता है और त्वचा का रंग गहरा होने लगता है.
डायबिटीज का खतरा
मोटापे के कारण डायबिटीज की बीमारी हो सकती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि विटामिन डी की कमी के कारण भी आप डायबिटीज के मरीज बन सकते हैं.
बच्चों में एनीमिया
विटामिन डी की कमी के कारण बच्चों में एनीमिया का खतरा बढ़ सकता है. कई डॉक्टरों का मानना है कि विटामिन डी का स्तर 30 नैनो ग्राम प्रति मिली लीटर से कम होने पर बच्चों को एनीमिया का खतरा ज्यादा होता है. विटामिन डी की कमी रेड ब्लड सेल के उत्पादन को भी प्रभावित करती है.
इन चीजों को करें डायट में शामिल
- अपने डेली डायट में सैल्मन और ट्यूना फिश को शामिल करें. इससे विटामिन डी की हमारी रोजाना की जरूरत का एक तिहाई हिस्सा पूरा होता है.
- डेयरी प्रोडक्ट्स को विटामिन डी का एक बेहतरीन सोर्स माना जाता है. अपने डायट में दूध, दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल करके आप इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं.
- अगर आप विटामिन डी की कमी को दूर करना चाहते हैं तो रोजाना अंडे का सेवन करना शुरु कर दीजिए. इसकी जर्दी में विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
- कई विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित रूप से संतरे के रस का सेवन करके विटामिन डी की कमी को दूर किया जा सकता है.
- अपने डेली डायट में कॉड लिवर ऑयल को शामिल करके विटामिन डी की कमी को आसानी से दूर किया जा सकता है. इसके इस्तेमाल से हड्डियों की कमजोरी दूर होती है.
- शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर गाजर खाना भी फायदेमंद माना जाता है. आप चाहें तो इसे सलाद के रुप में खा सकते हैं या फिर इसका जूस पी सकते हैं. यह भी पढ़ें: ये 10 सुपरफ़ूड आपको हमेशा रखेंगे फिट, नहीं पड़ेगी दवाई की जरुरत
अगर आपको शरीर में बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो उन्हें नजरअंदाज न करें. विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टरी सलाह के अनुसार सप्लीमेंट और विटामिन डी से भरपूर आहार ले सकते हैं.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.