Home Remedies for Urinary Tract Infections: यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के लिए अपनाएं ये 6 घरेलू उपाय

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है. हालांकि इस बीमारी का इलाज पारंपरिक रूप से एंटीबायोटिक दवाओं से होता है. लेकिन इसका घरेलु उपचार भी है जो इसे ठीक करता है और फिर वापस आने से रोकते हैं. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यानी यूटीआई एक इन्फेक्शन है जो मूत्र मार्ग के किसी भी हिस्से को प्रभावित करता है, जिसमें गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय, या मूत्रमार्ग शामिल हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर, (फोटो क्रेडिट्स: फाइल फोटो)

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (Urinary Tract Infections) हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है. हालांकि इस बीमारी का इलाज पारंपरिक रूप से एंटीबायोटिक दवाओं से होता है. लेकिन इसका घरेलु उपचार भी है जो इसे ठीक करता है और फिर वापस आने से रोकता है. यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यानी यूटीआई एक इन्फेक्शन है जो मूत्र मार्ग के किसी भी हिस्से को प्रभावित करता है, जिसमें गुर्दे (kidneys), मूत्रवाहिनी (ureters), मूत्राशय (bladder) या मूत्रमार्ग (urethra) शामिल हैं. यह भी पढ़ें:  किडनी स्टोन से निजात पाने के लिए नहीं करानी पड़ेगी सर्जरी, आजमाएं ये 5 घरेलू नुस्खे

आंत (bowel) के बैक्टीरिया यूटीआई का सबसे आम कारण है, लेकिन फंगस (fungi) और वायरस भी संक्रमण का कारण बन सकते हैं. इस बीमारी के लिए Escherichia coli और Staphylococcus saprophyticus ये दो प्रकार के बैक्टेरिया ज्यादा जिम्मेदार माने जाते हैं. यह भी पढ़ें: होंठों के कालेपन को न करें नजरअंदाज, उन्हें गुलाबी और आकर्षक बनाने के लिए आजमाएं ये घरेलू उपाय

यूटीआई के सामान्य लक्षण

पेशाब करते समय जलन होना

लगातार पेशाब आना

भूरे गहरे रंग का मूत्र

पेशाब में से तेज बदबू आना

अधूरा मूत्राशय खाली करने की भावना

पेडू में दर्द

यूटीआई किसी को भी हो सकता है, महिलाओं में संक्रमण का खतरा अधिक होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मूत्रमार्ग (urethra), यानी जो ट्यूब पेशाब को मूत्राशय से बाहर निकालती है, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कम होती है. इससे बैक्टीरिया को मूत्राशय में प्रवेश करने और पहुंचने में आसानी होती है.

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय

अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लें: डिहाइड्रेशन को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के जोखिम से जोड़ा गया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि नियमित रूप से पेशाब संक्रमण को रोकने के लिए मूत्र पथ से बैक्टीरिया को हटाने में मदद कर सकता है. एक अध्ययन ने प्रतिभागियों को लंबे समय तक मूत्र कैथेटर्स के साथ जांच की और पाया कि कम पेशाब करने वाले में यूटीआई विकसित होने का जोखिम बहुत ज्यादा है. इसलिए शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखने के लिए पानी अधिक पिए.

विटामिन सी का सेवन बढ़ाएं: कुछ रिसर्च के अनुसार विटामिन सी के सेवन से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से बचा जा सकता है. विटामिन सी मूत्र की अम्लता को बढ़ाकर संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मार देता है. इसलिए विटामिन सी से युक्त फल और सब्जियां ज्यादा खाएं. जैसे की लाल मिर्च, संतरे, अंगूर और कीवीफ्रूट सभी मेंसी की भरपूर मात्रा पायी जाती है.

प्रोबायोटिक लें: प्रोबायोटिक्स फायदेमंद सूक्ष्मजीव (microorganisms) हैं जो भोजन या सप्लीमेंट के रूप में सेवन किए जाते हैं. ये आपकी आंत में बैक्टीरिया के एक स्वस्थ संतुलन को बढ़ाने में मदद करते हैं. प्रोबायोटिक्स सप्लीमेंट के रूप में या किण्वित खाद्य पदार्थों में पाया जा सकता है, जैसे कि केफिर, किम्ची, कोम्बुचा और प्रोबायोटिक दही. प्रोबायोटिक्स बेहतर पाचन, इम्युनिटी बूस्टर का काम करते हैं. प्रोबायोटिक्स से यूटीआई का खतरा कम हो सकता है.

पेशाब न रोकें: यूटीआई के लक्षणों में से एक पेशाब करते समय दर्द होना. जिसकी वजह से कुछ लोग बार बार पेशाब करना डिले करते हैं. हालांकि, विशेषज्ञ लोगों को सलाह देते हैं कि जरूरत के समय या हर 2-3 घंटे में पेशाब करें. पेशाब रोक कर रखने से बैक्टीरिया बढ़ सकता है. बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से पेशाब की परेशानी कम हो सकती है.

बेकिंग सोडा: यूटीआई से बचने के लिए या निजात पाने के लिए रोजाना एक चम्मच बेकिंग सोडा पानी में घोलकर पिएं. यह पेशाब के एसिड को बेअसर करेगा और मूत्राशय को ठीक भी करेगा.

एप्पल विनेगर: एप्पल साइडर विनेगर (सिरका) में एंटी बैक्टेरियल गुण होते हैं. कुछ लोग घाव भरने के लिए, बैक्टीरिया और फंगल इन्फेक्शन से लड़ने के लिए एप्पल साइडर विनेगर पानी में डालकर नहाते हैं. एक पुराने अध्ययन के अनुसार 4 सप्ताह तक हर दिन 100 मिलीलीटर के सिरके में चावल पकाकर खाने से पेशाब में बैक्टीरिया का स्तर कम होता है.

नोट- इस लेख में दी गई सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसे किसी बीमारी के इलाज या फिर चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए और लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे इसका हम कोई दावा नहीं करते हैं, इसलिए लेख में दिए गए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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