Rangbhari Ekadashi 20223 Wishes: रंगभरी एकादशी पर ये हिंदी विशेज WhatsApp Stickers, HD Images और Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
हिंदू चंद्र कैलेंडर चंद्रमा के दो अद्भुत चरणों में विभाजित है. एक खंड वैक्सिंग चंद्रमा का है जिसे 'शुक्ल पक्ष' कहा जाता है, जिसमें चंद्रमा अवधि (दृष्टि) में बढ़ता है और हर रोज कदम से चमक आती है और वैकल्पिक खंड घटते चंद्रमा, कृष्ण पक्ष का है, जबकि चमक पूर्णिमा के बाद चंद्रमा की लंबाई सामान्य से कम हो जाती है...
Rangbhari Ekadashi 20223 Wishes: प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi) मनाई जाती है. इसे आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi), आंवला एकादशी (Amla Ekadashi) और आमलका एकादशी (Amalka Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना के साथ आंवले की पूजा की जाती है. हिंदू चंद्र कैलेंडर चंद्रमा के दो अद्भुत चरणों में विभाजित है. एक खंड वैक्सिंग चंद्रमा का है जिसे 'शुक्ल पक्ष' कहा जाता है, जिसमें चंद्रमा अवधि (दृष्टि) में बढ़ता है और हर रोज कदम से चमक आती है और वैकल्पिक खंड घटते चंद्रमा, कृष्ण पक्ष का है, जबकि चमक पूर्णिमा के बाद चंद्रमा की लंबाई सामान्य से कम हो जाती है. प्रत्येक चरण क्रमशः 15 दिनों का होता है. 'एकादशी' चंद्रमा के प्रत्येक चरण में ग्यारहवां 11वां दिन होता है, इसका अर्थ है कि एक महीने में 2 एकादशियां होती हैं. एकादशी शब्द क्रमशः शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के प्रत्येक पखवाड़े में ग्यारहवां चंद्र दिवस है.
हिंदू धर्म के साथ-साथ जैन धर्म भी एकादशी को पवित्र मानता है, जिसका धार्मिक अर्थ है. ऐसा कहा जाता है कि वास्तव में एकादशियों के नाम सुनने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो सकता है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. एकादशी तिथि के सूर्योदय से लेकर अगले दिन के सूर्योदय तक व्रत करने से दिन का पता चलता है. इस दिन लोग अपने प्रियजनों को ग्रीटिंग्स भेजकर एकादशी व्रत की शुभकामनाएं देते हैं.
1- रंगभरी एकादशी की शुभकामनाएं
2- रंगभरी एकादशी की हार्दिक बधाई
3- शुभ रंगभरी एकादशी
4- हैप्पी रंगभरी एकादशी
5- रंगभरी एकादशी 2023
एकादशी का व्रत इस समय एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. एकादशी के उपवास का उच्च कोटि का रूप बिना पानी या भोजन के करना है. जिन लोगों को पूर्ण उपवास रखने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें फल-आधारित संपूर्ण आहार (फलहार) या फल और दूध/दूध उत्पाद आहार योजना का समर्थन किया जाता है. इस दिन चावल, अनाज और बीन्स का सेवन प्रतिबंधित है. ऐतिहासिक ग्रंथों के अनुसार दोनों ही एकादशियाँ, चाहे शुक्ल पक्ष में हों या कृष्ण पक्ष में, समान रूप से पवित्र और शुभ होती हैं क्योंकि उनकी एक ही तिथि होती है.