Perihelion Day 2023: पेरिहेलियन डे क्या है? जानें भारत में इसकी तिथि, समय, महत्व और इस आकाशीय घटना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

पेरिहेलियन डे तब होता है जब पृथ्वी और सूर्य कक्षा में अपने निकटतम बिंदु पर होते हैं. पृथ्वी इस वर्ष 4 जनवरी, 2023 को सूर्य के अपने निकटतम बिंदु पर होगी. इसका मतलब है कि पेरिहेलियन दिवस 2023 को 4 जनवरी को चिह्नित किया जाएगा, जब पृथ्वी का केंद्र सूर्य के केंद्र से लगभग 91,402,500 मील दूर होगा.

पेरिहेलियन डे 2023 (Photo Credits: File Image)

Perihelion Day 2023: पेरिहेलियन डे (Perihelion Day) तब होता है, जब पृथ्वी (Earth) और सूर्य (Sun) कक्षा में अपने निकटतम बिंदु पर होते हैं. पृथ्वी इस वर्ष 4 जनवरी, 2023 को सूर्य के अपने निकटतम बिंदु पर होगी. इसका मतलब है कि पेरिहेलियन दिवस 2023 को 4 जनवरी को चिह्नित किया जाएगा, जब पृथ्वी का केंद्र सूर्य के केंद्र से लगभग 91,402,500 मील दूर होगा. पेरिहेलियन डे हर साल दिसंबर संक्रांति के लगभग दो सप्ताह बाद होता है, जब उत्तरी गोलार्ध में सर्दी होती है. पेरिहेलियन को कई रोमांचक घटनाओं में से एक माना जाता है. पेरिहेलियन के दौरान, सूर्य का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव पृथ्वी को उसके केंद्र के करीब आने का कारण बनता है. यह घटना हमारे सौर मंडल के निर्माण की शुरुआत से ही हुई है.

इसके अलावा, जून संक्रांति के दो सप्ताह बाद, जब उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्मकाल होता है, तब पृथ्वी सूर्य से सबसे दूर होती है. जैसा कि हम पेरिहेलियन दिवस 2023 को चिह्नित करने के लिए तैयार हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं भारत में इसकी तिथि, समय, महत्व और इस आकाशीय घटना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें…

भारत में पेरिहेलियन डे 2023 तिथि और समय

पेरिहेलियन डे

पेरिहेलियन साल में 2 जनवरी से 6 जनवरी के बीच कभी भी हो सकता है. इस बिंदू पर अपनी कक्षा में पृथ्वी सूर्य से 91 मिलियन से अधिक दूर है. यह खगोलीय घटना पृथ्वी अवलोकन और वैज्ञानिक अन्वेषण करने वाले शोधकर्ताओं के लिए एक अनूठा अवसर है. पेरिहेलियन नाम ग्रीक भाषा से आया है. पेरी (Peri) का अर्थ है चारों ओर या निकट और हेलिओस (Helios) का अर्थ सूर्य है. यह भी पढ़ें: January Festivals 2023: नववर्ष (जनवरी) के मुख्य व्रत एवं पर्व! जानें कब है मकर संक्रांति, पोंगल, बसंत पंचमी, लोहड़ी? देखें पूरी सूची

ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, पेरिहेलियन दिवस 1246 में दिसंबर संक्रांति पर था, तब से हर 58 साल बाद तारीख एक दिन बदल गई है. इसके अलावा पेरिहेलियन डे प्रत्येक वर्ष भिन्न होता है, क्योंकि विशिष्ट चक्रीय पैटर्न का पालन करने वाले पुरस्सरण और कक्षीय कारकों के कारण मिलनकोविच चक्र के रूप में जाना जाता है. सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी 93 मिलियन मील है, लेकिन पेरिहेलियन के दौरान पृथ्वी सूर्य से केवल 91 मिलियन मील दूर है.

पृथ्वी का ऑर्बिट हर 100,000 वर्षों में लगभग गोलाकार से अण्डाकार में बदल जाता है. पृथ्वी दीर्घवृत्ताकार पथ में सूर्य की परिक्रमा करती है. इसका मतलब यह है कि पथ पर एक बिंदु सूर्य के सबसे निकट और एक बिंदु सूर्य से सबसे दूर है. वैज्ञानिक रूप से इस पथ का आकार अन्य प्लानेटरी ऑब्जेक्ट, विशेष रूप से चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के कारण भिन्न होता है.

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