National Doctors' Day 2021 HD Images: हैप्पी नेशनल डॉक्टर्स डे! शेयर करें ये शानदार Photo Wishes, GIF Greetings, WhatsApp Stickers और Wallpapers
नेशनल डॉक्टर्स डे के दिन पूरी चिकित्सा बिरादरी के प्रति सम्मान जाहिर किया जाता है और डॉक्टरों का आभार प्रकट किया जाता है. आप भी अपने चिकित्सक या अपनी जान-पहचान के डॉक्टरों को खास अंदाज़ में थैंक यू कहकर उनकी सेवाओं के लिए आभार जता सकते हैं. आप उन्हें इन एचडी इमेजेस, फोटो विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स और वॉलपेपर्स को भेजकर उन्हें बधाई दे सकते हैं.
National Doctors' Day 2021 HD Images: आज यानी 1 जुलाई 2021 को देश में नेशनल डॉक्टर्स डे (National Doctors' Day) यानी राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जा रहा है. खासकर कोरोना संकट (Corona Crisis) की घड़ी में इस दिवस का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है, जब हमारे देश के तमाम चिकित्सक दिन रात मरीजों की सेवा में डटे हुए हैं. पहली बार इस दिवस को साल 1991 में मनाया गया था, जिसके बाद से हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाने लगा. दरअसल, 1 जुलाई के दिन ही देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री बिधानचंद्र रॉय (Dr. Bidhan Chandra Roy) की जयंती और पुण्यतिथि दोनों मनाई जाती है. उनका जन्म 1 जुलाई 1882 को हुआ था और उनका निधन 1 जुलाई साल 1962 को हुआ था. चिकित्सा क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उनकी जयंती पर इस दिवस को मनाया जाता है.
नेशनल डॉक्टर्स डे के दिन पूरी चिकित्सा बिरादरी के प्रति सम्मान जाहिर किया जाता है और डॉक्टरों का आभार प्रकट किया जाता है. आप भी अपने चिकित्सक या अपनी जान-पहचान के डॉक्टरों को खास अंदाज़ में थैंक यू कहकर उनकी सेवाओं के लिए आभार जता सकते हैं. आप उन्हें इन एचडी इमेजेस, फोटो विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स और वॉलपेपर्स को भेजकर उन्हें बधाई दे सकते हैं.
1- हैप्पी नेशनल डॉक्टर्स डे 2021
2- हैप्पी नेशनल डॉक्टर्स डे 2021
3- हैप्पी नेशनल डॉक्टर्स डे 2021
4- हैप्पी नेशनल डॉक्टर्स डे 2021
5- हैप्पी नेशनल डॉक्टर्स डे 2021
भारत के चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले डॉ. बिधानचंद्र रॉय को भारतीय होने के कारण लंदन के प्रतिष्ठित सेंट बार्थोलोम्यू अस्पताल में डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए दाखिला नहीं मिला, बावजूद इसके वो लगातार डीन के पास आवेदन करते रहे. करीब 30 बार आवेदन करने के बाद आखिरकार डीन ने हार मानते हुए उनके दाखिले का आवेदन स्वीकार कर लिया. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वदेश लौटकर उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में काम करना शुरू किया.